गांधीनगर। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 'विश्व शेर दिवस' के अवसर पर बुधवार को कहा कि शेरों का विचरण क्षेत्र गिर के जंगलों से बढ़कर चोटिला, सायला, अमरेली और भावनगर जिलों के वनों सहित 30 हजार वर्ग किलोमीटर तक का हो गया है। श्री पटेल ने इस अवसर पर कहा कि शेरों का स्थल पर ही त्वरित उपचार किया जा सके इसके लिए राज्य सरकार ने अत्याधुनिक उपकरण युक्त लायन एंबुलेंस की सुविधा भी मुहैया कराई है और सासण में शेरों के लिए अद्यतन लायन हॉस्पिटल की स्थापना भी की गई है।
उन्होंने कहा कि वन विभाग की ओर से मनाया जाने वाला 'विश्व शेर दिवस' का यह अवसर गौरवपूर्ण दिन है। एशियाटिक लायन यानी एशियाई बब्बर शेर के संरक्षण और संवर्धन के संकल्प और इसके लिए जन जागरूकता फैलाने के लिए हम 2016 से विश्व शेर दिवस मना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस समारोह में शिरकत करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने शेरों के संरक्षण को प्राथमिकता देकर अलग-अलग योजनाओं और प्रोजेक्टों के तहत शेरों के संरक्षण और सुरक्षा के प्रभावी उपाय किए है
उन्होंने कहा कि उन स्थानों पर जहां एशियाई शेरों का बसेरा है वहां आवश्यकतानुसार रेस्क्यू सेंटरों की स्थापना की गई है। इतना ही नहीं इन रेस्क्यू सेंटरों में पशु चिकित्सक, उपचार के आधुनिक उपकरण, रेस्क्यू ऑपरेशन की साधन-सामग्री और वाहनों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। शेरों का स्थल पर ही त्वरित उपचार किया जा सके इसके लिए अत्याधुनिक उपकरण युक्त लायन एंबुलेंस की सुविधा भी मुहैया कराई गई है। सासण में शेरों के लिए अद्यतन लायन हॉस्पिटल की स्थापना की गई है।
इसके अतिरिक्त वन विभाग ने अद्यतन तकनीक से सुसज्जित गिर हाईटेक मॉनिटरिंग यूनिट की स्थापना की है। इस यूनिट के माध्यम से शेरों पर लगातार निगरानी रखी जाती है। उन्होंने कहा कि शेरों के आनुवंशिकत लक्षणों को संरक्षित कर एशियाई शेर प्रजाति के संवर्धन के लिए सौराष्ट्र में रामपरा, जूनागढ़ के सक्कर बाग और सात वीरडा सहित तीन स्थलों पर जीन पूल शुरू किए गए हैं।
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