राज एक्सप्रेस। इस समय किडनी ट्रांसप्लांट के बाद से ही सिंगापुर के अस्पताल में भर्ती राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। बीते दिनों केंद्र सरकार ने सीबीआई को लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी घोटाले में मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है। ऐसे में आने वाले समय में लालू प्रसाद यादव मुश्किलों में इजाफा हो सकता है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है।
लैंड फॉर जॉब स्कैम :
दरअसल यह पूरा मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री हुआ करते थे। सीबीआई का आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दिला दी। इसके बदले उन लोगों से अपने परिवार के सदस्यों के नाम जमीन लिखवा दी। यह जमीन लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम कर दी गई और जमीन की मामूली कीमत नकद में दे दी गई।
तीन दिन में मिली नौकरी :
रेलवे में जिन पदों पर भर्ती की गई थी, उनका ना तो विज्ञापन निकाला गया और ना ही सेंट्रल रेलवे को इसकी सूचना दी गई। उम्मीदवारों को आवेदन करने के तीन दिन के भीतर ही नौकरी दे दी गई। फिर उन्होने जो पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में सब्स्टिटूट के रूप में नियुक्त किया गया था।
1 लाख फुट जमीन :
इस पूरे मामले में सीबीआई ने दावा किया है कि इन भर्तियों के जरिए लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने पटना में 1,05,292 फुट जमीन विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी। यह भूमि प्रचलित सर्किल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर अधिग्रहित की गई थी।
कौन-कौन हैं आरोपी?
इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव सहित उन लोगों को भी आरोपी बनाया गया, जिसने लालू परिवार को जमीन देकर नौकरी ली।
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