हरियाणा, भारत। देश के अन्नदाता पहले ही केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे थे और इसी बीच बीते दिनों हरियाणा के करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज हुए थे। इसके बाद किसानों ने अपनी मांगों को लेकर धरना कर रहे थे, जो आज खत्म हो गया। दरअसल, हरियाणा के करनाल जिला प्रशासन और किसानों के बीच बात बन गई है और इन 2 मांगों पर समझौता हुआ है।
दोनों पक्षों ने प्रेस कांफ्रेंस करके दी जानकारी :
करनाल जिला प्रशासन और किसानों के बीच एक बसताड़ा में हुए लाठीचार्ज की जांच और दूसरी मृतक के परिजन को डीसी रेट पर नौकरी को लेकर समझौता हुए है। बताया गया है कि, किसानों और प्रशासन के बीच यह समझौता शुक्रवार देर रात को ही हो गया था, जिसकी जानकारी आज शनिवार सुबह दोनों पक्षों ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके दी। हरियाणा के करनाल में 28 अगस्त को बसताड़ा टोल पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज और एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ सख्त कार्रवाई समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच बने टकराव पर अब विराम लग चुका है।
घटना की न्यायिक जांच व मृतक किसान के परिवार को मिलेगी नौकरी :
सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने बताया कि, ''आम सहमति से निर्णय हुआ है कि,सरकार 28 अगस्त को हुई घटना की हाईकोर्ट के पूर्व जज से न्यायिक जांच करवाएगी। जांच एक महीने में पूरी होगी। पूर्व एसडीएम आयुष सिन्हा इस दौरान छुट्टी पर रहेंगे। हरियाणा सरकार मृतक किसान सतीश काजल के दो परिजनों को करनाल में डीसी रेट पर सेंक्शन पोस्ट पर नौकरी देगी।''
किसान नेता गुरनाम सिंह ने किया आंदोलन खत्म का ऐलान :
इसके बाद किसान नेता गुरनाम सिंह ने करनाल में लाठीचार्ज के मामले पर चल रहे आंदोलन को खत्म करने का भी ऐलान कर दिया है।
बता दें कि, शुक्रवार देर रात तक अफसरों और किसानों की बैठक चली थी, जिसमें कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) देवेंद्र सिंह भी करनाल पहुंचे हुए थे। तो वहीं, किसानों की ओर से इस बैठक में भाकियू हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत 15 सदस्यीय कमेटी के किसान नेता शामिल थे।
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