राज एक्सप्रेस। इसरो के पूर्व अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवा दे चुके के सिवन आज अपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म आज ही के दिन यानि 14 अप्रैल 1957 को मेला सरक्कालविलै, तमिलनाडु में हुआ था। के सिवन का पूरा नाम कैलाशावादिवो सिवन है और इसरो के अध्यक्ष रहने के साथ ही के सिवन विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र और तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र के निदेशक भी रह चुके हैं। लेकिन एक गरीब परिवार से इसरो के अध्यक्ष तक पहुँचने का उनका यह सफर बिलकुल आसान नहीं था। आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ खास बातें बताने वाले हैं।
गरीबी में बीता बचपन :
तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में जन्मे के सिवन के पिता कैलाशवडीवू पेशे से एक किसान थे। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी। जिस कारण उनका पूरा बचपन गरीबी और खेती के इर्द-गिर्द ही घूमता रहा। के सिवन ने अपनी शुरूआती पढ़ाई एक सरकारी स्कूल से की। लेकिन पढ़ाई के लिए भी पैसा ना होने के कारण वे बाजार में आम बेचने का काम भी करते थे।
के सिवन की पढ़ाई?
के सिवन ने नागेरकोयल के एसटी हिंदू कॉलेज से बीएससी की डिग्री हासिल की। जिसके बाद उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानि MIT से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके अलावा उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस अपना पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया और फिर आईआईटी बांबे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की।
के सिवन का करियर :
साल 1982 के दौरान के सिवन ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो में काम करना शुरू कर दिया था। वे यहाँ पोलर सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल परियोजना का भी हिसा बने। उनके इस योगदान को देखते हुए उन्हें जल्द ही जीएसएलवी परियोजना का निदेशक बना दिया गया। इसके बाद जुलाई 2014 के दौरान वे इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर के निदेशक के रूप में चुने गए। कुछ समय बाद के सिवन विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के निदेशक बने और फिर साल 2018 में उन्हें इसरो प्रमुख बनाया गया।
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