दिल्ली, भारत। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक को संबोधित किया। इस दौरान जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े कई मामलों का जिक्र किया।
भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक में जेपी नड्डा ने कहा- हमारी अपनी संस्कृति है, अपना गौरवमय इतिहास है, जिसमें मातृ-शक्ति का विशेष स्थान है। हमारी संस्कृति में मातृ शक्ति का सम्मान आदिकाल से ही है। मातृ-शक्ति को संपूर्ण सृष्टि का आधार कहा गया है, जिसका वर्णन वेदों, उपनिषदों और साहित्यों में भी आता है। रानी लक्ष्मीबाई और कई अन्य महिला स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और उनके योगदान को कोई नहीं भूल सकता।
भारतीय समाज में महिलाओं का योगदान अद्वितीय है :
जेपी नड्डा ने आगे यह भी कहा कि, "स्वतंत्रता के बाद के युग में भी भारतीय समाज में महिलाओं का योगदान अद्वितीय है। उद्योग, खेल, चिकित्सा, विज्ञान से लेकर अंतरिक्ष तक भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही हैं। उन्होंने हाल ही में संपन्न टोक्यो ओलंपिक में भी अपनी काबिलियत साबित की।"
हमारा मानना है कि, किसी भी देश के विकास के लिए महिलाओं को आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। हम भारतीय महिलाओं को सशक्त और स्वतंत्र बनाना चाहते हैं।भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा
जेपी नड्डा के संबोधन की बातें-
जब देश COVID से जूझ रहा था, हमारी महिला मोर्चा ने देश के लोगों की सहायता करने में एक प्रमुख योगदान दिया। हमारी महिला मोर्चा ने पूरे देश को मास्क बनाने का तरीका दिखाया और देश भर के कई इलाकों में खाना बांटा।
भाजपा के संगठन में मातृ शक्ति को आदर, सम्मान, सहभागिता प्राप्त है। यही कारण है कि स्वाभाविक रूप से पार्टी फलते-फूलते नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में स्थापित है।
मोदी सरकार में रक्षा, विदेश, वित्त एवं शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग महिला मंत्रियों को दिए गए। भारतीय वायु सेना ने कॉम्बैट भूमिकाओं में महिलाओं के लिए अपने दरवाजे खोले। सरकार ने CRPF और CISF में कांस्टेबल पदों पर महिलाओं के लिए 33% आरक्षण की घोषणा की।
महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मामलों को देखने के लिए पहली बार केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत एक नया डिवीजन बनाया गया है। देश के हर पुलिस स्टेशन में महिला सहायता डेस्क बनाने का निर्णय लिया गया।
हम ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान को कभी नहीं भूल सकते हैं। इस एक अभियान ने न केवल लोगों में बेटियों की सुरक्षा और बेटियों को पढ़ाने की भावना जागृत की बल्कि इससे भ्रूण हत्या में भारी कमी आई है, लिंगानुपात बेहतर हुआ और Drop Out Ratio में भी कमी आई।
जब लाल किले की प्राचीर से हमारे प्रधानमंत्री बेटियों के हक में आवाज बुलंद करते हुए माता-पिता से कहते हैं कि “बेटियों को तो सब पूछते हैं, कभी बेटों से तो पूछो, कहां गए थे?" तब पता चलता है कि हमारे प्रधानमंत्री कितने संवेदनशील हैं और हमारी सरकार की क्या सोच है।
DBT से लाभांश की चोरी ख़त्म हुई है और सही जरूरतमंदों तक सरकार की सहायता और योजनाओं का लाभ पहुँच रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2011 में सब्सिडी वाली एलपीजी इस्तेमाल करने वाले परिवारों की संख्या की तुलना में लाभ लेने वाले परिवारों की संख्या डेढ़ गुना थी।
मोदी सरकार ने हर कदम पर महिलाओं के कल्याण के लिए कार्य किया है। मातृ वंदन कार्यक्रम, परिवार विकास मिशन, 6 माह का गर्भावस्था अवकाश और फ्री एम्बुलेंस तथा फ्री डिलीवरी की सुविधा के साथ-साथ 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता, इन सबका अच्छा परिणाम स्वास्थ्य क्षेत्र में पड़ा है।
बड़ी संख्या में महिलाएं पंचायत और स्थानीय निकायों में चुन कर तो आती हैं लेकिन ज्यादातर उनके पति ही सारा काम करते हैं। ऐसी जन-प्रतिनिधियों को हमें ट्रेनिंग देने, उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है ताकि वे सही मायनों में जन-प्रतिनिधि बन सकें।
स्टैंडअप इंडिया योजना के तहत लगभग 1 लाख महिला उद्यमियों को लगभग 21,000 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।
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