नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा कार्य मंच की बैठक भारत को विश्व के सामने प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण रखने का अवसर प्रदान करेगी। डा. सिंह ने एक उच्च स्तरीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ अमेरिका की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले कहा कि इस मंच पर विभिन्न देशों के कम से कम 30 मंत्री, सैकड़ों मुख्य कार्यकारी अधिकारी , व्यापार दिग्गज, वैज्ञानिक एवं शिक्षाविद सहित अनेक हितधारक अपने विचार रखेंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले महीने ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के नवीनतम राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (एनडीसी) से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। वह जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के संस्थान को इस जानकारी से अवगत करायेंगे। भारत ने गत नवम्बर में ब्रिटेन के ग्लासगो में आयोजित जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में विश्व के समक्ष जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पांच अमृत तत्व की घोषणा की थी ओर उन पर कार्य करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने गत 15 अगस्त को राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का शुभारंभ भी किया था। उन्होंने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने और देश को एक हरित हाइड्रोजन का केन्द्र बनाने में सरकार को सहायता प्रदान करना है। इससे वर्ष 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लक्ष्य को अर्जित करने और नवीकरण ऊर्जा क्षमता से संबंधित विकास में सहायता प्राप्त होगी।
डॉ. सिंह ने कहा कि भारत को नेट जीरो उत्सर्जन की ओर ले जाने के लिए एक ही मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है, बल्कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन , नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा भारी उद्योग मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं।
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