हाईलाइट्स :
हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली।
पिछले तीन दिनों से इंटरनेट सेवायें बंद।
हमले में कुछ नागरिकों की भी मौत हुई थी।
हमले में अमेरिकन मेड राइफलों का इस्तेमाल किया गया था।
जम्मू - कश्मीर। राजौरी में आतंकियों को खोजने का अभियान लगातार 6 वे दिन जारी है। क्षेत्र में सेना के अभियान के चलते पिछले तीन दिनों से इंटरनेट सेवायें बंद भी हैं। राजौरी में पिछले दिनों आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हुए थे। इस हमले में कुछ नागरिकों की भी मौत हुई थी। इस हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है। पूंछ जिले के राजौरी सेक्टर में डेरा की गली के जंगलों में सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी राजौरी - पुंछ में चल रहे सर्च ऑपेरशन की समीक्षा के लिए सोमवार को राजौरी पहुंचेंगे।
बता दें कि, आतंकवादियों ने इस हमले की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की थीं। अब सेना इस हमले में शामिल आतंकियों को खोजने के लिए लगातार सर्च कर रही है। इस हमले में अमेरिकन मेड M4 कार्बाइन राइफलों का इस्तेमाल किया गया था। M4 कार्बाइन राइफल 1980 के दशक में अमेरिका में बनी थी। अमेरिकी फोर्सेज का यह प्रमुख हथियार है और इसका इस्तेमाल 80 से अधिक देश करते हैं। M4 को नज़दीकी लड़ाई के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह बहुत ही मारक क्षमता वाली राइफल है। इस राइफल में स्टील की गोलियां का इस्तेमाल भी किया जा सकता। स्टील की गोलियों से वाहनों को आसानी से भेदा जा सकता है।
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