श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष एवं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि प्रशासन ने एक उत्तरी जिले में अपने अधिकारियों को गैर स्थानीय मजदूरों और सुरक्षाकर्मियों को मतदाता के रूप में पंजीकृत करने के मौखिक आदेश दिए हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) हिरदेश कुमार द्वारा जम्मू में मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन पर एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के एक दिन बाद सुश्री मुफ्ती की प्रतिक्रिया सामने आयी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह पता चला है कि श्री कुमार ने सभी पार्टियों को आश्वासन दिया है कि केवल जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपीए) के तहत पात्र लोगों को मतदाता सूची में नामांकित किया जाएगा।
सुश्री मुफ्ती ने ट्वीट किया, ''रिपोर्टों के अनुसार, जिला तहसीलदार द्वारा कल बारामूला में एक प्रशासनिक बैठक में गैर-स्थानीय मजदूरों तथा केंद्रीय बलों सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, बीएसएफ और सेना के जवानों को मतदाता के रूप में नामांकित करने के लिए मौखिक आदेश पारित किए गए हैं। प्रशासन को इस पर सफाई देनी चाहिए।" पिछले महीने सीईओ श्री कुमार द्वारा घोषणा किए जाने के बाद कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद 'सामान्य रूप से रहने वाला' देश का प्रत्येक नागरिक यहां मतदाता के रूप में पंजीकरण कर सकता है और अगले विधानसभा चुनावों में मतदान कर सकता है, के बाद जम्मू-कश्मीर में एक बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि सारांश संशोधन अभ्यास के दौरान लगभग 25 लाख नए मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़े जाने की संभावना है।
भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर लगभग सभी मुख्यधारा के विपक्षी राजनीतिक दलों ने प्रस्तावित कदम पर प्रहार किया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बाद में स्पष्ट किया कि केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूची को संशोधित करते हुए 25 लाख मतदाताओं को जोड़ने के अनुमान में वे लोग भी शामिल हैं, जो एक अक्टूबर, 2022 तक 18 वर्ष की आयु के हो चुके होंगे।
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