जालंधर। पंजाब में जालंधर जिला प्रशासन ने सरकारी स्कूलों की इमारतों को सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है। इसके पहले चरण में इस परियोजना के लिए कुल 40 स्कूलों का चयन किया गया है। जिला उपायुक्त जसप्रीत सिंह ने मंगलवार को कहा कि यह परियोजना एक गैर सरकारी संगठन आईसीआईसीआई फाउंडेशन के सहयोग से शुरू की गई है, जिसमें 40 किलोवाट की क्षमता वाले 11 रूफ-टॉप सौर पैनल पहले से ही 60 लाख रुपये के परिव्यय पर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये पैनल सरकारी स्कूलों गांव जमशेर, बिनपालके, बल, पचरंगा, वारियाना, चुहड़वाली, कल्यानुर, ढींडसा, नथेवाल और गोपालपुर में सफलतापूर्वक स्थापित किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शेष 29 स्कूलों में जल्द ही इन सौर पैनलों की स्थापना की जाएगी, जबकि अगले चरण में इन 40 स्कूलों में भूमिगत वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित की जाएगी।
आईसीआईसीआई फाउंडेशन के कार्यकारी प्रशिक्षु बानी सिंह और सामुदायिक सुविधाकर्ता साधु राम ने कहा कि रूफ-टॉप सोलर सिस्टम पावर बैकअप सुविधा से लैस है जो इन स्कूलों को बिजली उत्पादन के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाता है। उन्होंने कहा कि सौर पैनल लगाने के तुरंत बाद भूमिगत जल संचयन प्रणाली की स्थापना शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि फाउंडेशन जालंधर सिविल अस्पताल को रक्त परिवहन वाहन प्रदान करने की प्रक्रिया में है, जो जिले में रक्त परिवहन को और आसान करेगा।
इस बीच, उपायुक्त ने अपनी सीएसआर पहल के तहत समाज में सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाने के लिए आईसीआईसीआई फाउंडेशन के प्रयासों की भी सराहना की है। उन्होंने कहा कि एनजीओ पहले भी जिला प्रशासन के साथ विभिन्न विकास और कल्याणकारी कार्यक्रमों में लगा हुआ है और यह परियोजना ऊर्जा संरक्षण की दृष्टि से भी मील का पत्थर साबित होगी।
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