राज एक्सप्रेस। नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी को रोकने के लिए हर साल 26 जून को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस यानि विश्व ड्रग दिवस मनाया जाता है। इस दिन नशे से संबंधित आंकड़ों को जारी किया जाता है। साथ ही लोगों को ड्रग्स के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाता है।
कब हुई थी विश्व ड्रग दिवस की शुरुआत?
26 जून 1989 को पहली बार विश्व ड्रग दिवस मनाया गया था। विश्व ड्रग दिवस-2022 के लिए जो थीम निर्धारित की गई है, वह है -‘स्वास्थ्य और मानवीय संकटों में मादक द्रव्य चुनौतियों का समाधान।’ दुनिया में ड्रग्स की समस्या कितनी खतरनाक है, उसे हम इन रिपोर्ट से समझ सकते हैं।
यूएनओडीसी रिपोर्ट 2015 :
इस रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में 23.4 करोड़ लोग ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं, जबकि 2 लाख लोग हर साल ड्रग्स के कारण अपनी जान गवां देते हैं।
UNODC वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट 2021 :
पिछले साल दुनिया भर में लगभग 275 मिलियन लोगों ने ड्रग्स का सेवन किया है। वहीं इंटरनेट के चलते डार्क वेब पर ड्रग्स का बाजार 315 मिलियन डॉलर सालाना तक पहुंच गया है।
भारत में भी बढ़ा कारोबार :
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में भी ड्रग्स का कारोबार पिछले कुछ सालों में 450 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ा है। देश में हर दिन 10 लोगों की मौत ड्रग्स के कारण होती है।
ड्रग्स के खिलाफ अभियान :
नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने 15 अगस्त 2020 को देश के 272 जिलों में नशा मुक्त भारत अभियान शुरू किया गया था।
भारत सरकार नशे के खिलाफ लोगो को जागरूक करने और इससे प्रभावित लोगों के पुनर्वास की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
संयुक्त राष्ट्र भी ड्रग्स की रोकथाम के लिए कई अलग-अलग प्रोग्राम चला रहा है।
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