भारत को इजराइल से मिली स्पाइक NLOS मिसाइलें Syed Dabeer Hussain - RE
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भारत को इजराइल से मिली स्पाइक NLOS मिसाइलें, जानिए क्यों कहा जाता है ‘टैंकों का काल’?

भारत ने इजराइल से स्पाइक NLOS एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें खरीदी हैं, जो भारत को मिल चुकी हैं। इस मिसाइल को टैंकों का काल भी कहा जाता है। पहाड़ों पर होने वाली लड़ाई में यह मिसाइल गेम चेंजर साबित हो सकती है

Priyank Vyas

हाइलाइट्स :

  • भारत ने इजराइल से स्पाइक NLOS एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें खरीदी हैं।

  • इस मिसाइल को ‘टैंकों का काल’ भी कहा जाता है।

  • पहाड़ों पर होने वाली लड़ाई में यह मिसाइल गेम चेंजर साबित हो सकती है।

  • इस मिसाइल का इस्तेमाल हवा से जमीन पर मार करने के लिए किया जाता है।

राज एक्सप्रेस। भारत अपने दोनों तरफ दो बड़े दुश्मनों पाकिस्तान और चीन से घिरा हुआ है। दोनों ही देशों के साथ भारत युद्ध लड़ चुका है। खास बात यह है कि दोनों देशों के साथ भारत ने पहाड़ों पर भी लड़ाई लड़ी है। ऐसे में भारतीय वायुसेना पहाड़ों के पीछे छुपकर हमला करने वाले दुश्मनों को खत्म करने के लिए अपने आप को तैयार कर रही है। इसी कड़ी में भारत ने इजराइल से स्पाइक NLOS एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें खरीदी हैं, जो भारत को मिल चुकी हैं। इस मिसाइल को ‘टैंकों का काल’ भी कहा जाता है। पहाड़ों पर होने वाली लड़ाई में यह मिसाइल गेम चेंजर साबित हो सकती है।

क्या है इसकी खासियत?

इस समय दुनिया में स्पाइक मिसाइल के कई वेरिएंट मौजूद हैं। भारतीय वायुसेना ने इजराइल से जिस स्पाइक NLOS मिसाइल को खरीदा है, वह इसका सबसे एडवांस वर्जन है। यह 30 किलोमीटर की दूरी तक अपने टारगेट को हिट कर सकती है। इसकी रेंज वर्तमान में मौजूद दुनिया के किसी भी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल से अधिक है। अमेरिका की एजीएम-114 हेलफायर के मुकाबले इसकी रेंज चार गुना तक अधिक है। इस मिसाइल का इस्तेमाल हवा से जमीन पर मार करने के लिए किया जाता है।

Mi-17V5 हेलिकॉप्टर में होगा इस्तेमाल

बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना जल्द ही इसका परीक्षण शुरू कर सकती हैं। इजराइल से मिली इन मिसाइलों को भारतीय वायुसेना रूस के Mi-17V5 हेलिकॉप्टर में फिट कर सकती है। इसके बाद भारतीय वायुसेना पहाड़ों में छिपे दुश्मनों के टैंक को आसानी से ध्वस्त कर सकेगी।

भारत ने क्यों खरीदी मिसाइल?

दरअसल बीते कुछ सालों में चीन ने लद्दाख सेक्टर में LAC के करीब बड़ी संख्या में टैंक और दूसरे लड़ाकू वाहन की तैनाती की है। इसी को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने स्पाइक NLOS मिसाइल को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी। हालांकि भारत ने अभी सीमित संख्या में ही यह मिसाइल खरीदी है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में मेक इन इंडिया के जरिए एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें बना सकता है।

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