नई दिल्ली। भारत ने अफगानिस्तान में तालिबान शासन द्वारा महिलाओं एवं लड़कियों के शैक्षणिक अधिकारों काे समाप्त किए जाने पर चिंता जताई है और अफगानिस्तान में महिलाओं को समाज के हर पहलू में समान अधिकार दिए जाने की जरूरत पर बल दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां नियमित ब्रीफिंग में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि हमने इस बारे में रिपोर्टों को देखा है और हम इससे चिंतित हैं। भारत ने अफगानिस्तान में महिला शिक्षा के मुद्दे का निरंतर समर्थन किया है। हमने वहां एक ऐसी सरकार के महत्व पर जोर दिया है जो सर्व समावेशी एवं सर्व प्रतिनिधि सरकार हो जिसमें सभी अफगान नागरिकों के अधिकारों का सम्मान हो तथा अफगान समाज में महिलाओं एवं लड़कियों को उच्च शिक्षा सहित हर प्रकार के समान अधिकार प्राप्त हों।
प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का गत वर्ष पारित प्रस्ताव संख्या 2593 में महिलाओं सहित सभी नागरिकों के मानवाधिकारों काे बनाये रखने के महत्व को रेखांकित किया है और महिलाओं की पूर्ण, समान एवं सार्थक भागीदारी की बात कही गयी है। मंगलवार को तालिबान शासन ने लड़कियों को उच्च शिक्षा के अधिकार को निलंबित करने का फरमान जारी किया है। अफगानिस्तान में लश्करे तैयबा और जैश ए मोहम्मद की मौजूदगी एवं तालिबान द्वारा मानवीय सहायता के लिए मिलने वाले धन के दुरुपयोग के बारे में एक सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि यह सही है कि आतंकवाद के मुद्दे पर हम अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिल कर काम कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में भी इन दोनों बातों के बारे में स्पष्ट किया गया है।
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