चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में आंदोलनरत मेडिकल विद्यार्थियों और डॉक्टरों के साथ वरिष्ठ अधिकारियों की बातचीत चल रही है तथा उम्मीद है कि रविवार शाम तक समाधान निकल जाएगा। श्री खट्टर शनिवार को नयी दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। मेडिकल विद्यार्थियों के सम्बंध में सवाल पर उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मेडिकल विद्यार्थियों को बॉन्ड पॉलिसी से सम्बंधित बहुत सी बातें समझा दी गई हैं तथा उनकी शंकाओं का समाधान किया गया है। मेडिकल शिक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी और उच्च प्रशासनिक अधिकारी इन विद्यार्थियों से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बॉन्ड पॉलिसी का मकसद किसी डॉक्टर के परिवार या गरीब परिवार को तंग करने का नहीं है। जिसे अपनी मेडिकल शिक्षा पूरी कर सरकारी नौकरी में जाना है उसे इससे कोई परेशानी नहीं है। जो नौकरी नहीं कर पा रहा, उसके लिए भी कोई दिक्कत नहीं है। केवल कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी की बजाए प्राइवेट नौकरी करने जाएगा, उसी पर यह बॉन्ड पॉलिसी लागू होगी।
उन्होंने कहा कि 40 लाख रुपये के बॉन्ड में से 3.5 लाख रुपये विद्यार्थी के तौर पर जो वे इन चार वर्षो में दे चुके हैं, वह राशि उसमें से कम हो जाएगी। ब्याज भी उनसे नहीं लिया जा रहा है। डिग्री पूरी होने के बाद बैंक से जो पैसा लिया जाएगा, उनका लेनदेन बैंक के साथ ही होगा। प्राइवेट नौकरी करने वाला डॉक्टर यदि जल्दी पैसा लौटाना चाहे तो लौटा सकता है, उसके लिए अवधि का कोई बंधन नहीं है। सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करके डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे सरकारी सेवा को ही चुनें और इसी को प्रोत्साहित करने के लिए बॉन्ड पॉलिसी लागू की गई है।
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