शिमला, हिमाचल प्रदेश। अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का विधिवत आगाज होने से पूर्व भगवान रघुनाथ के सुल्तानपुर स्थित मंदिर में देवी देवताओं का आगमन शुरू हो गया है। सप्ताह भर चलने वाला अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव आज ढालपुर मैदान में विधिवत रूप के साथ आरम्भ हुआ। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने भगवान श्री रघुनाथ जी की रथयात्रा में भाग लेकर महोत्सव का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने दशहरे के शुभ अवसर पर प्रदेशवासियों, विशेषकर घाटी के लोगों को बधाई दी। यह उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की संस्कृति अनूठी है और इसकी एक अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि यहां वर्ष भर मनाए जाने वाले मेले और त्यौहार लोगों की समृद्ध परंपराओं और मान्यताओं के द्योतक हैं।
माता हिडिम्बा रघुनाथ के दरबार पहुंच गई हैं। इसके साथ ही जिला भर से आने वाली देवी-देवता भी रघुनाथ के दरबार में बारी-बारी हाजिरी भर रहे हैं। यहां अपनी हाजिरी देने के बाद देवी देवता ढालपुर वापस लौटेंगे और उसके बाद करीब 3 बजे भगवान रघुनाथ अपनी पालकी में सवार होकर ढालपुर स्थित रथ मैदान पहुंचेंगे।
कुल्लू जिले के विभिन्न भागों से 332 देवताओं को आमंत्रित किया गया था और 170 इस उत्सव में भाग ले रहे हैं। यहां से रथ में सवार होकर अपने अस्थाई शिविर तक रथ यात्रा के साथ पहुंचेंगे, जहां 7 दिनों तक अस्थाई शिविर में रहेंगे। बहरहाल राज परिवार की दादी माता हिडिम्बा रघुनाथपुर के मंदिर में पहुंच गई है। इसके अलावा सुबह से भगवान रघुनाथ के मंदिर में पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया है। पूजा-अर्चना पूरी होने के बाद ही यहां से रघुनाथ ढालपुर की ओर हरियाणा के साथ रवाना होंगे।
हिडिम्बा माता के रघुनाथपुर पहुंचने पर माता ने श्रद्धालुओं को दिया सुख शांति का आशीर्वाद दिया। इस दौरान रघुनाथ मुख्य छड़ी बरदार महेश्वर सिंह ने अस्त्र शस्त्र की विधिवत पूजा अर्चना की।
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