हिंदू संगठनों की ब्रजमंडल 84 कोस शोभा यात्रा पर एक समुदाय के लोगों ने किया पथराव।
हिंसा और आगजनी की घटनाओं में पुलिसकर्मियों समेत कम से 24 लोग घायल हो गये।
पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ इंटरनेट सेवाएं भी अनिश्चितकाल के लिए बंद।
नूंह, हरियाणा। नूंह जिले में सोमवार को हिंदू संगठनों विश्व हिंदू परिषद, मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी और बजरंग दल की ब्रजमंडल 84 कोस शोभा यात्रा पर एक समुदाय के लोगों के पथराव करने तथा इसके बाद हुई हिंसा और आगजनी की घटनाओं में पुलिसकर्मियों समेत कम से 24 लोग घायल हो गये।
हिंसा की घटनाओं के बाद पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ इंटरनेट सेवाएं भी अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई हैं। जिले की सीमाएं भी सील कर दी गई हैं।
यात्रा नल्हड़ स्थित नलहेश्वर महादेव मंदिर से यात्रा शुरू हुई लेकिन दूसरे समुदाय के लोगों ने इस पर पथराव करना शुरू कर दिया और नारेबाजी की। इस घटना में अनेक लोगों सहित साथ चल रहे पुलिसकर्मी भी घायल हो गये। हिंसा भड़कने के साथ दंगाईयों ने अनेक वाहनों में तोड़फोड़ की और कईयों को आग के हवाले कर दिया। अपुष्ट सूचनाओं के अनुसार इस हिंसा में एक होमगार्ड की मौत होने की अफवाहें हैं। हालांकि आधिकारिक तौर इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। बताया जाता है कि यह होमगार्ड गुरुग्राम पुलिस फोर्स के साथ वहां पहुंचा था।
नूंह जिला प्रशासन ने हालात से निपटने के लिए दूसरे जिलों से पुलिस बल मंगाया। हिंदू संगठनों ने सोमवार को ब्रजमंडल यात्रा निकालने का ऐलान किया था। गत तीन साल से यह यात्रा निकाली जा रही है। यात्रा नूंह से शुरू होकर फिरोजपुर झिरका होते हुए पुन्हाना के सिंगार गांव स्थित मंदिर तक जानी थी। दोपहर करीब डेढ़ बजे नूंह के नल्हड़ शिव मंदिर से फिरोजपुर झिरका की तरफ रवाना हुई यात्रा जैसे ही शहीदी पार्क के पास पहुंची, वहां एक विशेष के लोग पहले से जमा थे। आमने-सामने आते ही दोनों पक्षों में तकरार हो गई। देखते ही देखते पथराव होने लगा। यात्रा के साथ चल रहे पुलिसकर्मियों ने स्थिति को सम्भालने का प्रयास किया, मगर लेकिन भीड़ अनियंत्रित हो गई। भीड़ में शामिल दंगाईयों ने कुछ वाहनों को आग लगा दी। इस दौरान गोलीबारी भी हुई। पुलिस ने बेकाबू भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। लेकिन जब इनका कोई असर नहीं हुआ तो उसने हवा में फायरिंग की।
इस दौरान भीड़ वहां से हटकर शहर में अन्य जगहों पर दंगा करने लगी जिसे नियंत्रित करने के लिए रेवाड़ी, पलवल और गुरुग्राम से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। तकरीबन 1000 जवानों में मौके पर पहुंच का मोर्चा सम्भाला। दंगाईयों ने एक निजी बस को लूट कर इसके यात्रियों के साथ मारपीट की और इन्हें उतार दिया। इसके बाद दंगाईयों ने बस को कब्जे में ले लिया और इसे चला कर अनाजमंडी स्थित साइबर थाने जा पहुंचे। इन्होंने यहां बस से पहले थाने का गेट तोड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन इसमें असफल रहने पर उपद्रवियों ने थाने की दीवार में टक्कर मारकर उसे ढहा दिया। दंगाईयों ने पुलिस समेत अनेक निजी वाहनों को आग लगा दी। इनके अनेक वाहन जब्त किये गये थे। बेकाबू दंगाईयों ने थाने को आग लगाने का भी प्रयास किया। इस बीच थाने में मौजूद पुलिसकर्मी किसी तरह जान बचा कर निकल गये।
सोशल मीडिया पर हिंसा की खबर वायरल होने के साथ नूंह के गांवों से भी एक समुदाय के लोग भारी संख्या में शहर की ओर दौड़ पड़े जिससे हालात और बिगड़ गए। उपद्रवियों ने जबरन दुकानें बंद करा दीं और राह चलते लोगों से भी दुर्व्यवहार किया और मारपीट की। इन्होंने बाजार में कुछ दुकानों को आग के हवाले कर दिया। दंगाईयों ने नूंह स्थित काली मंदिर पर भी पथराव किया जिसमें पुजारी गम्भीर रूप से घायल हो गया। उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जाता है कि नूंह के मोनू मानेसर और उसके बजरंग दल से जुड़े साथियों पर कई लोगों के आपराधिक वारदातों में शामिल होने का आरोप है। उसने कुछ दिन पहले वीडियो वायरल कर खुले तौर पर चुनौती दी थी कि वह यात्रा के दौरान मेवात में रहेगा। इस पर इलाके के लोगों ने भी सोशल मीडिया पर जबावी कार्रवाई की धमकी दी थी। इलाके में माहौल पहले से ही गर्म था।
हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद नूंह-होडल मार्ग से यातायात दूसरे मार्गों की ओर कर दिया गया। दंगा फैलने और किसी अनहोनी की आशंका में शहर की मार्किट के दुकानदारों ने अपने शटर गिरा दिये। तनाव बढ़ता देख लोग घरों में ही सिमटे रहे।
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