राजएक्सप्रेस। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सूक्षम लघु एवं मध्यम उद्योगों(एमएसएमई) के लिए घोषित आर्थिक पैकेज के पहले चरण में तीन लाख करोड़ रुपये की राशि का कोलैट्रल फ्री ऋण के लिए निर्धारित किए जाने से आशा है कि इससे हरियाणा की लगभग 50 हजार एमएसएमई इकाईयों यूनिटों को लगभग तीन हजार करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।
खट्टर ने कहा कि इसी प्रकार, वित्त मंत्री सीतरमण ने संकट से जूझ रहे एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ के सर्बोडिनेट ऋण की भी घोषणा की है, इससे हरियाणा की तीन हजार एमएसएमई इकाईयों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए किए गए आर्थिक पैकेज की घोषणा का यह पहला चरण है आने वाले दो दिनों में चरणबद्ध तरीके से और भी जानकारियां केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को आत्म निर्भर बनाने की कड़ी की एक नई शुरुआत है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।
उन्होंने विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुये कहा कि वे गेहूं और सरसों की खरीद को बेवजह मुद्दा बना रहे हैं। उनके स्वयं के कार्यकाल के दौरान तो सरकारी खरीद कभी सुचारू रूप से हुई नहीं। उन्होंने कहा कि अब तक गेहूं के लिए 2000 करोड़ रुपये की राशि पूल अकाउंट के माध्यम से आढ़तियों के खाते में पहुंचा दी गई है और आज शाम तक 3900 करोड़ रुपये और डाल दिए जाएंगे। आई फार्म जारी होने के बाद आढ़ती द्वारा 2-3 दिनों में किसानों के खाते में डाल दी जाएगी। यह किसान और आढ़ती के बीच आपसी सहमती होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीद प्रक्रिया को 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा" से जोड़ कर ई-खरीद बनाया गया है। इस नई प्रक्रिया को बनाने में थोड़ा समय जरूर लगा, परंतु इससे पूरी पारदर्शिता आई है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते अतिरिक्त खरीद केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि फसल खरीद के पाँच-छह दिन में किसानों के खातों में पैसा चला जाता है। इस प्रकार, ज्यों-ज्यों आई-फार्म सृजित होंगे त्यों-त्यों अदायगी होती रहेगी। उन्होंने कहा कि सरसों की खरीद हैफेड के माध्यम से की जाती है और अब तक लगभग 1200 करोड़ रुपये किसानों के खातों में पहुंच गए हैं।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने 'मेरा पानी मेरी विरासत" नई योजना शुरू की है और धान बाहुल्य क्षेत्रों, जहां पानी का स्तर 40 मीटर से नीचे चला गया है, वहां किसानों से अपील की गई है कि वे 50 प्रतिशत हिस्से में धान न लगाएं और इसकी एवज में उन्हें सात हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पानी को हमें भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित करना है। उन्होंने कहा कि धान के स्थान पर उगाई जाने वाली मक्का और दलहन फसलों की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी।
सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से व्यवस्थाओं में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने को उनकी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी लगभग 20 हजार स्थानीय कमेटियों के माध्यम से घर-घर सर्वेक्षण कराया गया है और मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत 16 लाख 20 हजार परिवारों के खाते में तीन से पांच हजार रुपये प्रति परिवार की वित्तीय सहायता पहुंचाई गई है। इस प्रकार, 619 करोड़ रुपये की सहायता पहुचाई गई है। लगभग चार से पांच लाख और परिवारों को सहायता पहुंचाने की प्रक्रिया चल रही है।
खट्टर ने कहा कि लॉकडाउन के बाद चरणबद्ध तरीके से औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियां केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप पुन: संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को उनके मूल राज्य में भेजने की व्यवस्था भी प्रदेश सरकार ने की है। अब तक रेलगाड़ियों और बसों के माध्यम से लगभग एक लाख लोगों को भेजा जा चुका है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। सिर्फ शीर्षक में बदलाव किया गया है। अतः इस आर्टिकल अथवा समाचार में प्रकाशित हुए तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।
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