गांधीनगर, गुजरात। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात के गांधीनगर में लगभग 4400 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
पीएम मोदी ने 4400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इनमें शहरी विकास विभाग, जल आपूर्ति विभाग, सड़क व परिवहन विभाग और खान व खनिज विभाग से संबंधित 2,450 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन शामिल है। इसके अलावा उन्होंने करीब 1950 करोड़ रुपये की पीएम- आवास योजना (ग्रामीण और शहरी) परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया साथ ही इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने योजना के लाभार्थियों को चाबियां सौंपकर योजना के तहत निर्मित लगभग 19,000 घरों के गृह प्रवेश में हिस्सा लिया। वहीं उन्होंने वीडियो लिंक के जरिए लाभार्थियों से बातचीत भी की।
उन्होंने इस अवसर पर लाभार्थियों को बधाई दी और एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनके लिए राष्ट्र निर्माण निरंतर चलने वाला एक 'महायज्ञ' है। हालिया चुनाव के बाद सत्तारूढ़ सरकार के अधीन गुजरात में विकास की गति पर उन्होंने अपनी संतुष्टि व्यक्त की और तीन लाख करोड़ के गरीब समर्थक गुजरात के बजट का उल्लेख भी किया तथा 'वंचितों को प्राथमिकता देने' की भावना को आगे बढ़ाने के लिए राज्य की सराहना की।
पीएम मोदी ने राज्य में 25 लाख आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से दो लाख माताओं को सहायता, चार नए मेडिकल कॉलेज और आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए हजारों करोड़ रुपये के कार्यों जैसी कुछ हालिया पहलों का उल्लेख किया और कहा कि इससे पता चलता है कि गुजरात की डबल इंजन सरकार दोगुनी गति से काम कर रही है। पिछले नौ वर्षों में लोगों ने अभूतपूर्व विकास को देखा है। उन्होंने उस समय को याद किया जब नागरिकों के लिए बुनियादी सुविधाएं भी दुर्लभ थीं। देश उस निराशा से बाहर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हर व्यक्ति तक योजनाओं का सौ फीसदी लाभ पहुंचाया जा सके। "हमारे लिए, देश का विकास एक दृढ़ विश्वास और एक प्रतिबद्धता है।" सरकार सभी सरकारी योजनाओं की संतृप्ति के लिए प्रयास कर रही है। सरकार के इस दृष्टिकोण ने भ्रष्टाचार और भेदभाव को समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा, "धर्मनिरपेक्षता का सही अर्थ किसी भी तरह का भेदभाव न होने से है।" सामाजिक न्याय तब होता है, जब सरकार समाज में सभी के लाभ के लिए काम करती है। पिछले वर्ष लगभग 32,000 घरों का निर्माण पूरा करने के साथ लाभार्थियों को सौंप दिया गया है। गरीबों के आत्मविश्वास में काफी बढ़ोतरी होती है जब वे जीवन की बुनियादी जरूरतों के बारे में कम से कम चिंतित होते हैं। उन्होंने कहा, ''देश विफल नीतियों के रास्ते पर आगे बढ़ कर अपना भाग्य नहीं बदल सकता और एक विकसित राष्ट्र नहीं बन सकता।" उन्होंने मौजूदा सरकार और पिछली सरकारों की कार्य संस्कृति के बीच अंतर को रेखांकित कर पिछले दशक के आंकड़ों का उल्लेख किया। पहले से नीतियां होने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 75 फीसदी घरों में शौचालय की सुविधा नहीं थी। साल 2014 के बाद सरकार ने केवल गरीबों को छत प्रदान करने तक ही खुद को सीमित नहीं किया बल्कि, आवासों को गरीबी से निपटने का आधार और उनकी गरिमा को सुदृढ़ करने का माध्यम बना दिया। उन्होंने इस योजना के तहत निर्मित आवासों की जियोटैगिंग का उल्लेख कर कहा, "पीएमएवाई के तहत लाभार्थियों को अपने घरों के निर्माण का अधिकार दिया गया है जहां सरकार वित्तीय सहायता को सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित करती है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएमएवाई के तहत निर्माणाधीन आवास कई योजनाओं का पैकेज है। इसमें स्वच्छ भारत अभियान के तहत एक शौचालय, सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन, उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त एलपीजी कनेक्शन, जल जीवन मिशन के तहत नल कनेक्शन शामिल हैं। इन चीजों के अलावा नि:शुल्क उपचार और राशन भी गरीबों के लिए सुरक्षा कवच का काम कर रहा है। उन्होंने पीएमएवाई के तहत महिला सशक्तिकरण का भी उल्लेख किया और बताया कि पिछले नौ साल में लगभग चार करोड़ घर गरीब परिवारों को सौंपे गए हैं। इनमें से 70 फीसदी महिलाओं के नाम दर्ज हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएमएवाई के तहत घरों के निर्माण की लागत कई लाख होती है, इसे देखते हुए करोड़ों महिला लाभार्थी अब लखपति बन गई हैं। इन करोड़ों महिलाओं के पास पहली बार कोई संपत्ति है। उन्होंने लखपति दीदियों को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि सरकार भविष्य की चुनौतियों और देश में बढ़ते शहरीकरण को ध्यान में रखकर काम कर रही है। राजकोट में एक हजार से अधिक घरों का निर्माण आधुनिक तकनीक का उपयोग करके किया गया है, जिसमें समय व पैसा कम लगता है और वे समान रूप से सुरक्षित हैं। लाइट हाउस परियोजना के तहत यह प्रयोग देश के छह शहरों में किया गया है जहां तकनीक से सस्ते और आधुनिक घर बनाने में सहायता मिली है। आने वाले समय में ऐसे आवास गरीबों को भी उपलब्ध होने वाले हैं। उन्होंने रियल एस्टेट क्षेत्र में गलत गतिविधियों और धोखाधड़ी को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी विस्तार से बताया, जिसके कारण गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए बहुत मुश्किलें उत्पन्न हुई थीं। रेरा अधिनियम ने मध्यमवर्गीय परिवारों को घर खरीदते समय वादा की गई सुविधाएं प्राप्त करने के लिए कानूनी सुरक्षा प्रदान की है। इसके अलावा उन्होंने मध्यमवर्गीय परिवारों की ओर से आवास ऋण लेने को लेकर अभूतपूर्व बजट सब्सिडी की भी जानकारी दी। इसके तहत गुजरात में पांच लाख परिवारों को 11,000 करोड़ की सहायता प्राप्त हुई है।
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