सरकार ने लगाया पीएफआई पर बैन Syed Dabeer Hussain - RE
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निशाने पर पीएम मोदी, ISIS से संबंध, जानिए सरकार ने क्यों लगाया पीएफआई पर बैन?

पीएफआई से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी के दौरान जांच एजेंसियों को पता चला है कि पीएफआई के सदस्यों के संबंध खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस से भी थे।

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। भारत सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उस पर 5 साल तक के लिये बैन लगा दिया है। साथ ही पीएफआई से जुड़े 8 अन्य संगठनों पर भी सरकार ने कार्रवाई की है। इन संगठनों के टेरर लिंक के सबूत मिलने के बाद सरकार ने UAPA के तहत इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। वैसे पिछले कुछ दिनों से देशभर में अलग-अलग जगहों पर पीएफआई से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी करके करीब 100 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।

इन छापेमारी के दौरान 10 ऐसे महत्वपूर्ण कारण सामने आए, जिसके बाद पीएफआई पर यह कार्रवाई की गई है।

  1. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक एजेंडे के तहत एक विशेष वर्ग के लोगों को कट्टरपंथी बनाने की दिशा में काम कर रहा था।

  2. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के द्वारा किए जा रहे कार्यों से देश में अशांति की स्थिति उत्पन्न होने का खतरा बढ़ रहा था।

  3. इसके कार्यों से देश में उग्रवाद को प्रोत्साहन मिलने की सम्भावना थी।

  4. पीएफआई के संस्थापक सदस्य इससे पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया के नेता थे। साथ ही बांग्लादेश के जमात-उल-मुजाहिद्दीन के साथ भी पीएफआई का संबंध सामने आया है। ये दोनों ही संगठन भारत में बैन है।

  5. पीएफआई एक वर्ग विशेष के लोगों में असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देकर भय और दहशत का माहौल बनाने की कोशिश कर रहा था।

  6. पीएफआई को विदेशी फंडिंग होने के सबूत भी मिले हैं। इन पैसों को पीएफआई आतंकी गतिविधियों में लगा रहा था।

  7. दिल्ली और लखनऊ दंगो सहित देश में अलग-अलग जगह हुई हिंसा में पीएफआई से जुड़े लोगों का नाम सामने आया है।

  8. पीएफआई के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के अन्य प्रमुख लोग थे।

  9. खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस से भी पीएफआई के संबंध सामने आए हैं। इसके सदस्यों ने सीरिया, ईराक और अफगानिस्तान में आतंकी कार्यकलापों में भाग भी लिया है।

  10. उत्तरप्रदेश, कर्नाटक और गुजरात की सरकार ने भी केंद्र सरकार से पीएफआई पर बैन लगाने की मांग की थी।

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