धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए लॉकडाउन 5.0 में केंद्र सरकार ने कोरोना वैश्विक महामारी के बीच सभी मंदिरों के कपाट खोले जाने का भी निर्णय ले लिया है। अब 8 जून से मंदिर एवं अन्य धर्मस्थलों भी खुलेंगे। हालांकि इसके लिए भी सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है, इसी के तहत भक्तों को भगवान के दर्शन करने के लिए कुछ नियम फॉलों करने होंगे।
कंटेटमेंट जोन छोड़कर खुलेंगे सभी धार्मिक स्थल :
कोरोना वायरस के खतरें से जनता को बचने के लिए सुरक्षा को लेकर सरकार सख्त है। इसी के चलते धार्मिक स्थलों पर भी दर्शन करने के तौर-तरीके बदलकर मंदिर, मठ, मस्जिद और गिरिजाघरों को खाेले जाने की इजाजत दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार, कंटेटमेंट जोन में मौजूद धार्मिक स्थल जनता के लिए बंद रहेंगे, लेकिन कंटेटमेंट जोन से बाहर स्थित धार्मिक स्थल खोले जा सकते हैं।
धार्मिक स्थलों में प्रवेश करने वाले लोगों को फेस मास्क अनिवार्य रूप से लगाना होगा।
धार्मिक स्थलों पर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हैंड सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगी, जिन लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं होंगे, केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
65 साल की उम्र से अधिक के लोग अभी मंदिर नहीं जा सकेंगे।
सरकार ने बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों से घर पर ही रहने की अपील की है।
अगर मंदिर में AC लगे हैं, तो उसका टेंपरेंचर 24-30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए।
SOP द्वारा कही गई मुख्य बातें :
धार्मिक स्थलों पर प्रतिमाओं और पवित्र पुस्तकों को छूने से भी बचना चाहिए तथा वहां प्रवेश के लिए लगी लाइन में कम से कम 6 फुट की भौतिक दूरी रखी जानी चाहिए।
धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी होती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे परिसरों में भौतिक दूरी के नियम तथा अन्य एहतियाती उपायों का पालन किया जाए।
संक्रमण के संभावित प्रसार के मद्देनजर धार्मिक स्थलों में भजन गाने वाले ग्रुप को अनुमति न दी जाए, बल्कि इसकी जगह रिकॉर्डर भजन बजाए जा सकते हैं।
इस दौरान सामूहिक प्रार्थना से बचा जाना चाहिए और प्रसाद वितरण तथा पवित्र जल के छिड़काव जैसी चीजों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
मंत्रालय ने होटलों और रेस्तराओं के लिए कहा कि, लक्षणमुक्त कर्मचारियों और लोगों को ही प्रवेश की अनुमति मिलनी चाहिए तथा उचित भीड़ प्रबंधन होना चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि, गर्भवती महिलाओं, अधिक उम्र वाले या किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से पीड़ित कर्मचारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें लोगों के सीधे संपर्क में आने जैसे कार्य से बचना चाहिए।
विभिन्न कामों के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास बिन्दु होने चाहिए तथा होटल और रेस्तरां मालिकों को डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना चाहिए।
होटल और आथित्य सेवाओं को आगंतुक की यात्रा और चिकित्सा स्थिति का उचित रिकॉर्ड सुनिश्चित करना चाहिए।
होटलों में सामान को कमरे में पहुंचाने से पहले संक्रमणमुक्त किया जाना चाहिए। आगंतुकों और कर्मचारियों के बीच रूम सर्विस के लिए फोन पर बात होनी चाहिए।
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।