राज एक्सप्रेस। कोरोना वायरस जैसी भयानक और जानलेवा महामारी के प्रकोप से भारत सहित अनेक देश जूझ रहे हैं। इस आपदा की चपेट में भारत में 3 लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इतना ही नहीं इसकी चपेट में आने से लगभग हजारों लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, अब इस आपदा से पीड़ित को बचाने के लिए अलग-अलग देश कोई ना कोई उपाय कर रहे हैं, लेकिन इसकी चपेट में आ जाने के बाद कोरोना ग्रसित मरीजों को वेंटीलेटर में रखा जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए पूरे देश के अस्पतालों में स्वदेशी वेंटिलेटर का वितरण शुरू कर दिया है।
किए जा रहे स्वदेशी वेंटिलेटर वितरित :
अनेक देशों में वेंटिलेटर की संख्या इतनी नहीं है, जितनी कोरोना वायरस के मरीज की संख्या पहुंचती जा रही है। इन हालातों में डॉक्टर के लिए यह फैसला लेना मुश्किल हो रहा है कि, किस मरीज को वेंटिलेटर में रखा जाए और किसे नहीं। इन हालातों का सामना भारत को न करना पड़े, इसके लिए भारत में एक लाख वेंटीलेटर बनाने का फैसला किया था। जिसमे से अब मेक इन इंडिया पहल के तहत केंद्र सरकार ने इस महामारी से लड़ने के लिए देश के कई अस्पतालों में स्वदेशी वेंटिलेटर वितरित करना शुरू कर दिया है।
राज्यों में वितरित किए गए :
बताते चलें, सरकार द्वारा पहले स्लॉट में लगभग 3000 घरेलू (स्वदेशी) वेंटिलेटर को कई राज्यों में वितरित किए गए हैं। बताते चलें, 1 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने द्वारा एक प्रेस बयान दिया गया था जिसमें कहा गया था कि, जून तक 75,000 वेंटिलेटर की जरूरत है। यह आदेश राज्य सरकारों की आवश्यकताओं को देखते हुए दिए गए थे। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने पुष्टि कर बताया है कि, फिलहाल 3000 देश-निर्मित वेंटिलेटर राज्यों को वितरित किए गए हैं, जिन्हें कई अस्पतालों में रखा जाएगा।
बताते चलें, अधिकारी द्वारा प्राप्त खबरों, जल्द ही वेंटिलेटर के घरेलू उत्पादन में तेजी देखी जाएगी। सरकार ने मेक इन इंडिया पहल को जारी रखते हुए, वेंटिलेटर के स्थानीय निर्माताओं की पहचान की है और उन्हें विनिर्देशों के बारे में निर्देशित किया गया था। इतना ही नहीं AMTZ (AP Medtech Zone) को लगभग 13,500 यूनिट्स निर्मित करने के आदेश प्राप्त हुए। वहीं, एक अन्य भारतीय फर्म, ज्योति CNC को 5,000 वेंटिलेटर निर्मित करने के आदेश प्राप्त हुए।
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