Rajasthan Board 12th 2021 Exam : आज देश कोरोना महामारी जैसी बहुत बड़ी समस्या से जूझ रहा है। देश में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। जिसके चलते देश के प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों CBSE बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी। उनकी ही राह पर चलकर अब राज्य की सरकार भी इस तरह के कदम उठाती नजर आरही हैं। पिछले दो दिनों में मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड और हरियाणा की सरकारें हैं। अन्य राज्यों की तरह ही राजस्थान की गहलोत सरकार ने भी परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया।
गहलोत सरकार ने लिया परीक्षा रद्द करने का फैसला :
दरअसल, कोरोना से संक्रमित लोगों का प्रतिदिन का आंकड़ा भी लाखों में सामने आरहा है। ऐसे में देश में पिछले कुछ समय में बहुत से ऐसे जरूरी कामों को भी रोक दिया गया, जिनका रुकना पिछले कई सालों में किसी भी हाल में मुश्किल ही था। चाहे वो रेलवे सेवाएं हो या वहीं विद्यार्थियों की परीक्षा। इसी कड़ी में कई राज्यों के बाद अब राजस्थान की गहलोत सरकार ने भी 10वीं और 12वीं की राजस्थान बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया है।
शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी :
बताते चलें, कोरोना वायरस के चलते अन्य राज्यों में 10वीं की बोर्ड की परीक्षा पहले ही रद्द जार दी गई थीं। वहीं, CBSE की बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने के बाद अब अन्य राज्यों ने भी परीक्षा रद्द कर दी गयी हैं। हालांकि, राजस्थान की रस्कार ने अब तक 10वीं की परीक्षा को लेकर भी कोई फैसला नहीं लिया था, लेकिन बुधवार रात को गहलोत मंत्रिपरिषद् की बैठक में वर्तमान हालातों को मद्दे नजर रखते हुए बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया गया। कैबिनेट की बैठक के बाद इस मामले में शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि,
'अब मार्किंग सिस्टम तय कर छात्रों को प्रमोट किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक, बोर्ड के अधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारी मिलकर जल्द ही मार्किंग सिस्टम तय करेंगे। मार्किंग सिस्टम से सहमत नहीं होने वाले छात्रों के लिए कोरोना खत्म होने पर परीक्षा देने के विकल्प पर भी विचार किया जा सकता है। CBSE में भी इसी तरह का विकल्प खुला रखा गया है। राजस्थान में भी उसे ही अपनाया जा सकता है।गोविन्द सिंह डोटासरा, राजस्थान शिक्षा मंत्री
21 लाख छात्र होने थे परीक्षा में शामिल :
बताते चलें, इस साल राजस्थान बोर्ड की परीक्षा में लगभग 21 लाख छात्र शामिल होने वाले थे, लेकिन कोरोना के मामले हर राज्य में दिन प्रतिदिन सामने आ ही रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों ने परीक्षा रद्द करने को लेकर अपनी सहमति जताई। हालांकि, इस दौरान शिक्षा राज्यमंत्री ने परीक्षाएं आयोजित करवाने की इच्छा जताई थी। साथ ही उसके लिए तैयारियां भी की जा रही थीं, लेकिन सरकार पर परीक्षाएं रद्द करने का दबाव था और उसके बाद परीक्षाएं रद्द कर दी गईं।
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