नई दिल्ली। अगले साल अप्रैल से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र 2024-25 से देशभर के सभी स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के हिसाब से नई किताबों के साथ बच्चों की पढ़ाई की शुरुआत हो जाएगी। इसके लिए अगले करीब तीन महीने में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा यानी एनसीएफ तैयार हो जाएगा। उसके बाद एनसीईआरटी पाठ्यक्रम तैयार करेगी और फिर अंत में उसके हिसाब से नई किताबें आ जाएंगी। जिनसे स्कूलों में पढ़ाई शुरू होगी। यह जानकारी सोमवार को पत्रकारों के एक समूह से बातचीत में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी है।
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बच्चों के बुनियादी स्तर (4 से 9 वर्ष तक) के लिए एनसीएफ जारी किया था और इसके साथ ही उन्होंने एनसीईआरटी से अपील भी की थी कि अगली बसंत पंचमी-2023 तक पाठ्यक्रम के साथ नई किताबें तैयार करें। लेकिन इसमें हुई थोड़ी सी देरी के बाद अब करीब महीने भर के अंदर उक्त स्तर के लिए नई पाठ्यपुस्तकें देश के सामने होंगी।
किताबों में परिवर्तन की बनेगी संस्थागत रूपरेखा :
अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा को तैयार करना एक बड़ी कवायद है। इसलिए उसमें समय लग रहा है। लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि अगले साल से नई किताबों के साथ स्कूलों में शैक्षणिक सत्र की शुरुआत कर दी जाए। इतिहास में देखें तो वर्ष 1986 में सामने आई शिक्षा नीति के बाद 2005 में एनसीएफ तैयार हुआ था। उन्होंने कहा कि हालांकि अब स्थिर पाठ्यपुस्तकों का सिस्टम नहीं है। हर साल किताबों में बदलाव देखने को मिलता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि इस संबंध में कोई संस्थागत रूपरेखा होनी चाहिए।
जल्द आ जाएंगी पहली व दूसरी की किताबें :
इन सबके बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 27 मार्च को मंत्रालय में एनसीईआरटी के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक के बाद उन्हें यह निर्देश दिया है कि जल्द ही स्कूलों में पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए एनसीएफ के तहत नई पाठ्यपुस्तकें तैयार कर ली जाएं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन किताबों को अंग्रेजी के अलावा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कुल 22 भाषाओं में तैयार किया जाए।
‘निष्ठा’ प्लेटफार्म पर अपलोड होंगी शिक्षकों के लिए हैंडबुक :
एनसीएफ के बाद एनसीईआरटी द्वारा तैयार की जाने वाली नई किताबों को साथ-साथ डिजीटल प्लेटफॉर्म पर भी अपलोड किया जाएगा। जिससे बच्चों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर किताबों से पढ़ने का मौका मिलेगा। इसके लिए मंत्रालय ने दीक्षा प्लेटफॉर्म का चयन किया है। इसके अलावा मंत्रालय के एक अन्य डिजीटल प्लेटफार्म प्लेटफार्म ‘निष्ठा’ पर शिक्षकों के लिए तैयार की जाने वाली पुस्तिका यानी हैंडबुक को अपलोड किया जाएगा।
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