एकनाथ शिंदे के जीवन की खास बातें Social Media
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महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे, जानिए उनके जीवन की खास बातें

सरकार गिरने के बाद इस पद के प्रबल दावेदार देवेंद्र फडणवीस होंगे। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने कुर्सी एकनाथ शिंदे को सौंपकर सबको हैरान कर दिया है। चलिए जानते हैं कैसा रहा एकनाथ शिंदे का अब तक का सफ़र?

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। कई दिनों तक चली राजनीति के बाद महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे के नाम पर मोहर लगी है । हालांकि हम लोगों को ही इसकी उम्मीद थी कि एकनाथ को यह पद दिया जाएगा, क्योंकि यही माना जा रहा था कि सरकार गिरने के बाद इस पद के प्रबल दावेदार देवेंद्र फडणवीस होंगे। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने कुर्सी एकनाथ शिंदे को सौंपकर सबको हैरान कर दिया है। चलिए जानते हैं कैसा रहा महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का अब तक का सफ़र?

कहाँ से हुई शुरुआत?

मूलरूप से सतारा जिले के रहने वाले एकनाथ ठाणे आने के बाद 11वीं की पढ़ाई करने के साथ ही ऑटो चलाते थे। इस दौरान उनकी मुलाकात शिवसेना नेता आनंद दिघे से हुई थी। इस मुलाकात के बाद ही उन्होंने राजनीति में कदम रख दिया। इस वक्त उनकी उम्र महज 18 साल थी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

छोड़ दी थी राजनीति :

2 जून 2000 के दिन एकनाथ अपने बेटे दीपेश (11 साल) और बेटी शुभदा (7 साल) के साथ सतारा गए हुए थे। लेकिन बोटिंग करते वक्त एक हादसा हुआ और उनकी आँखों के सामने बेटा और बेटी दोनों डूब गए। अब केवल उनके पास उनका एक बेटा श्रीकांत (14 साल) ही बचा था। इस घटना से वे इतना आहत हो गए कि उन्होंने राजनीति छोड़ने का भी मन बना लिया।

पहली बार बने विधायक :

एकनाथ शिंदे ने इस घटना के बाद भी वापसी की और साल 2004 में पहली बार विधायक बने। हालांकि इसके पहले वे साल 1997 में ठाणे नगर निगम में पार्षद के पद पर रह चुके थे। जिसके बाद साल 2001 से 2004 तक वे ठाणे नगर निगम में सदन के नेता भी रहे।

साल 2014 के चुनाव :

साल 2014 में एकनाथ शिंदे की राजनैतिक जिंदगी में बड़ा मोड़ आया और उन्हें शिवसेना ने विधायक दल का नेता बनाया। इसके बाद ही वे महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष के तौर पर भी सामने आए। यही नहीं एमवीए सरकार के दौरान उन्हें लोक निर्माण विभाग मंत्रालय सौंपा गया।

टर्निंग पॉइंट :

कहते हैं कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का वचन दिया था। लेकिन इसके पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने इस करार को खत्म कर दिया। यदि ढाई साल के मुख्यमंत्री पद का यह करार पूरा हो जाता तो शायद एकनाथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन जाते। हैरान करने वाली बात है कि जिस बीजेपी ने शिंदे के साथ ऐसा किया वे ही अपने साथियों और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना रहे हैं।

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