कतर से रिहा हुए भारतीय पूर्व नौसेना के जवान Raj Express
भारत

कतर से रिहा हुए भारतीय पूर्व नौसेना के जवान ने कहा - PM मोदी प्रयासों के बिना यह संभव नहीं होता

Former Indian Navy Personnel Released from Qatar : विदेश मंत्रालय ने बयान में बताया कि, 'हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी सुनिश्चित करवाने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।

Author : Deeksha Nandini

हाइलाइट्स

  • क़तर से रिहा हुए पूर्व नौसेना के जवान पहुंचे दिल्ली।

  • प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप करने के लिए दिया धन्यवाद।

Former Indian Navy Personnel Released from Qatar : दिल्ली। हम भारत सरकार द्वारा किए गए हर प्रयास के लिए तहे दिल से आभारी हैं और उन प्रयासों के बिना यह दिन संभव नहीं होता। यह वक्तव्य क़तर से रिहा हुए भारतीय पूर्व नौसेना के जवान का है, जो सोमवार सुबह भारत टाउने पर दिल्ली एयरपोर्ट पर मीडिया से मुखातिब हुए है। दरअसल, कतर ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को रिहा कर दिया है, जिन्हें जासूसी के एक कथित मामले में खाड़ी देश में हिरासत में लिया गया था।

विदेश मंत्रालय (एमईए) की तरफ से जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में कहा, 'भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए अल-दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है. उनमें से आठ में से सात भारतीय सुरक्षित भारत लौट आए हैं। मंत्रालय ने आगे कहा, 'हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी सुनिश्चित करवाने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।

गौरतलब है कि, बीते साल दिसंबर में, कतर की एक अदालत ने डहरा ग्लोबल मामले में गिरफ्तार किए गए आठ भारतीय नौसेना के दिग्गजों की मौत की सजा को उलट दिया था। मौत की सज़ा को घटाकर जेल की सज़ा में बदल दिया गया।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात के कुछ हफ्तों बाद यह घटनाक्रम सामने आया। कतर में हिरासत में लिए गए आठ भारतीय नौसेना अधिकारी हैं - कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश।

भारत लौटे भारतीय पूर्व नौसेना के जवानों ने व्यक्त की भावनाएं :

भारत माता की जय' के नारों के बीच, भारतीय नौसेना के दिग्गज सुबह-सुबह दिल्ली लौट आए और इस मुद्दे में हस्तक्षेप के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। नौसेना के एक दिग्गज ने कहा, "पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बिना हमारे लिए यहां खड़ा होना संभव नहीं था। और यह भारत सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण भी हुआ।

उनके सहयोगी ने भी इसी तरह की भावना व्यक्त की और कहा, "हमने भारत वापस आने के लिए लगभग 18 महीने तक इंतजार किया। हम प्रधान मंत्री के बेहद आभारी हैं। यह उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप और कतर के साथ उनके समीकरण के बिना संभव नहीं होता।"

यह है मामला :

कतर की जेल में कैद रहने वाले आठों भारतीय पहले नौसैना में काम करते थे। इनके ऊपर कथित तौर पर कतर के सबमरीन प्रोग्राम की जासूसी करने का आरोप था, जिसके बाद आठों को गिरफ्तार किया। ये लोग अक्टूबर, 2022 से ही कतर की जेल में बंद थे। कतर की अदालत ने आठों भारतीयों को जासूसी का दोषी भी पाया, जिसके बाद इन्हें मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि, अदालत के फैसले में इन्हें किस चीज का दोषी पाया गया, उसे सार्वजनिक नहीं किया गया।

विदेश मंत्रालय ने अदालत के फैसले को काफी हैरानी भरा बताया था। मंत्रालय ने कहा था कि वे भारतीयों के खिलाफ लगे आरोपों से उन्हें मुक्त करवाने के लिए सभी कानूनी विकल्पों का सहारा लेंगे। इस केस में बड़ी हलचल तब हुई, जब पिछले साल कतर की अदालत ने भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद भारतीय नागरिकों की मौत की सजा को कम कर दिया। पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा को जेल में बिताए जाने वाले वर्षों के रूप में बदल दिया गया।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT