राज एक्सप्रेस। देश में कोरोना के मामलों के साथ ही तेजी से कोरोना वैक्सीन का वैक्सीनेशन भी जारी है। देशभर में 1 मार्च से वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरु हुआ था। जबकि, अब देशभर में वैक्सीनेशन की मुहिम तेज होती नजर आरही है। इसी के चलते अब बिना रजिस्ट्रेशन के भी वैक्सीनेशन करना शुरू कर दिया गया है। फिलहाल भारत में दो ही वैक्सीन से वैक्सीनेशन किया जा रहा है। इनमें से एक कोविशील्ड और दूसरी कोवैक्सिन है। वहीं, अब विदेशों से भी भारत वैक्सीन आने वाली है। जिसके लिए सरकार ने एक अहम फैसला किया है।
सरकार का एक अहम फैसला :
दरअसल, देशभर में कोरोना की दूसरी लहर ने काफी लोगों की जान ले चुकी है। ऐसे में भारत कोरोना से जारी जंग में सिर्फ वैक्सीन पर ही निर्भर है। इसलिए सरकार भारत में वैक्सीनेशन को और तेज करने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में भारत सरकार ने एक अहम् फैसला लेते हुए विदेशों में निर्मित हुई वैक्सीन को भारत में बिना ट्रायल के ही इस्तेमाल करने की मंजूरी देदी है। यानी कि, विदेश से भारत आने वाली वैक्सीन के भारत में ट्रायल की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। भारत सरकार का यह फैसला विदेशी वैक्सीन के आयात में तेजी लाएगा। सरकार द्वारा यह फैसला ऐसे में लिया गया है जब देशभर से प्रतिदिन 2 लाख नए मामले सामने आरहे हैं और हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है।
भारत में होगा स्पूतनिक वी का उत्पादन :
बताते चलें, भारत जल्द ही रूस द्वारा निर्मित दुनिया की पहली वैक्सीन स्पूतनिक वी भारत आने वाली है। जिसके इस्तेमाल के लिए सरकार ने अभी से आपातकालीन मंजूरी दे दी है। हालांकि, रूस से अभी कुछ लाख वैक्सीन ही भारत लाई गई हैं और जल्द ही स्पूतनिक वी का उत्पादन भारत में ही किया जाएगा। अन्य वैक्सीन को लेकर जानकारी देते हुए सरकार ने बताया है कि, 'जल्दी से जल्दी वैक्सीन के आयात के लिए फाइजर से बातचीत चल रही है। इसके अलावा जॉनसन एंड जॉनसन और मोडर्ना के साथ भी चर्चा हुई है।'
सरकार का बयान :
बताते चलें, बीते महीने भारत सरकार ने विदेशी वैक्सीन को फास्ट-ट्रैक मंजूरी देने का वादा किया था, लेकिन स्थानीय ट्रायल पर जोर देने की वजह से फाइजर से बातचीत अटकी हुई थी, लेकिन सरकार ने अब बयान जारी कर कहा है कि, ''दूसरे देशों में उत्पादित अच्छे टीकों के लिए स्थानीय ट्रायल की अनिवार्यता में छूट के लिए प्रावधानों को बदला गया है। किसी वैक्सीन निर्माता कंपनी ने अभी भारत के दवा नियामक के पास मंजूरी के लिए आवेदन नहीं दिया है। हम अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन निर्माताओं से अपील को दोहराते हैं कि आएं और भारत में निर्माण करें, भारत के लिए और दुनिया के लिए।''
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