दिल्ली, भारत। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों, सुरक्षा परिषदों के सचिवों की आज मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहली भारत-मध्य एशिया बैठक आयोजित हुई, जिसमें कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए और सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने बैठक में गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। यह पहला मौका है जब भारत मध्य एशियाई देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की मेजबानी की हो।
मध्य एशिया के साथ कनेक्टिविटी भारत के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है :
इस दौरान भारत-मध्य एशिया की पहली बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने की और बैठक में अफगानिस्तान में उभरती सुरक्षा स्थिति और उस देश से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खतरे से निपटने के तरीकों पर चर्चा की गई। तो वहीं, NSA अजीत डोभाल ने अपने संबोधन में कहा- मध्य एशिया के साथ कनेक्टिविटी भारत के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है। हम इस क्षेत्र में सहयोग, निवेश और संपर्क निर्माण के लिए तैयार हैं। कनेक्टिविटी का विस्तार करते समय यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पहल सलाहकारी, पारदर्शी और सहभागी हों।
संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल संस्थाओं को सहायता प्रदान करने से बचना चाहिए। तभी आंतकवादी घटनाएं कम हो सकेंगी।NSA अजीत डोभाल
अफगानिस्तान में आतंकवादी नेटवर्क बन रहना गहरी चिंता का विषय :
आगे उन्होंने अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा करते हुए यह भी कहा कि, "अफगानिस्तान सहित क्षेत्र में आतंकवादी नेटवर्क का बना रहना भी गहरी चिंता का विषय है। वित्तपोषण आतंकवाद का जीवन है और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करना हम सभी के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए।"
अजीत डोभाल ने अपने संबोधन में आगे यह भी कहा -
अफगानिस्तान हम सबके लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। तत्काल प्राथमिकताओं और आगे के रास्ते के संबंध में भारत की चिंताएं और इस जुड़े उद्देश्य हम सभी के आगे हैं।
हम महान मंथन और अंतरराष्ट्रीय संबंधों और भविष्य के बारे में अनिश्चितता के समय मिले हैं। एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध मध्य एशिया हमारे साझा हित में है।
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