हाइलाइट्स
अंतिम किस्त में 48 करोड़ रु.
सात सेक्टर्स पर खास फोकस
कई सुधारों-उपायों की घोषणा
राज एक्सप्रेस। भारत सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में कहां किस मद में कितने खर्च की व्याख्या की गई है? सरल पड़ताल विस्तार से।
इन्फोग्राफ से समझें –
समझें गणित को –
मतलब भारत सरकार का कुल 20 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज प्रधानमंत्री गरीब योजना, एमएसएमई, श्रमिक एवं कृषि, माइक्रो एग्रो इन्फ्रा, मछली-पशु-मधुमक्खी पालन, वीजीएफ एवं मनरेगा के साथ ही आरबीआई की घोषणाओं को मिलाकर कुल सात खास बिंदुओं पर केंद्रित है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान –
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत सात सेक्टरों में सरकारी सुधारों और सहायक उपायों की घोषणा की है। इस अभियान की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं।
रोजगार को बढ़ावा देने मनरेगा के लिए आवंटन में 40,000 करोड़ रुपये की वृद्धि।
भविष्य में महामारी से निपटने सार्वजनिक स्वास्थ्यगत सुधार के लिए निवेश बढ़ाया।
‘कोविड’ के बाद समानता के साथ प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा पर बल।
आईबीसी से संबंधित उपायों के जरिए ‘कारोबार में सुगमता’ बढ़ाने का लक्ष्य।
कंपनी अधिनियम से संबंधित डिफॉल्ट को अपराध की श्रेणी से हटाने का निर्णय।
कंपनियों के लिए कारोबार करने में सुगमता।
आत्म निर्भर भारत के लिए सार्वजनिक क्षेत्र संबंधी उद्यम नीति।
वर्ष 2020-21 के लिए राज्यों की उधारी सीमा 3% से बढ़ाकर 5% की गई।
पीएम की घोषणा-
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई 2020 को भारत की जीडीपी के 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के एक विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने आत्म निर्भर भारत अभियान का आह्वान किया था। उन्होंने अर्थव्यवस्था, संरचना, प्रणाली, युवा आबादी/शक्ति और मांग को भी रेखांकित करते हुए आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों पर खास तौर से जोर दिया।
वित्त मंत्री का विजन -
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत कोविड-19 से लड़ने के लिए घोषित किए गए प्रोत्साहन या राहत पैकेज के दौरान आरंभिक संबोधन में पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा व्यक्त विजन का उल्लेख किया।
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज में भूमि, श्रम, तरलता और कानून पर विशेष जोर दिया गया है। संकट और चुनौती आत्म निर्भर भारत का निर्माण करने का एक अवसर है।
“एक राष्ट्र के रूप में हम अत्यंत अहम मोड़ पर हैं।”निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री (उद्बोधन में प्रधानमंत्री को उद्धृत करते हुए)
अहम घोषणाएं –
वित्त मंत्री ने सुधारों की श्रृंखला के तहत अहम घोषणाएं कीं। बताया कि लॉकडाउन के तुरंत बाद सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) की घोषणा की थी। इसमें 1.70 लाख करोड़ रुपये के पीएमजीकेपी के एक हिस्से के रूप में सरकार ने मुफ्त खाद्यान्न वितरण, महिला एवं गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को नकद भुगतान की घोषणा की।
त्वरित कार्यान्वयन –
वित्त मंत्री ने कहा कि पैकेज के त्वरित कार्यान्वयन पर निरंतर करीबी नजर रखी जा रही है। इस श्रृंखला में लगभग 41 करोड़ हितग्राहियों को पीएमजीकेपी के तहत 52,608 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि पीएमजीकेपी के तहत लोगों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है।
“हमने जो भी किया वह पिछले कुछ वर्षों के दौरान की गई अभिनव पहल की बदौलत ही संभव हो पाया।”निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री
पीएम का संबोधन -
अपने संबोधन में पीएम ने बताया था कि 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 प्रतिशत है। पीएम ने इस पैकेज को कोरोना से जूझ रहे लोगों के लिए मददगार माना था। प्रधानमंत्री के मुताबिक आर्थिक पैकेज से कुटीर, लघु-मझौले उद्योग, श्रमिक, किसान और मध्यम वर्ग को लाभ होगा।
“भारत पांच आधार स्तंभों...अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचा, शासन व्यवस्था, जीवंत लोकतंत्र और आपूर्ति श्रृंखला पर खड़ा है।”नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत
वित्त मंत्री ने दी जानकारी -
पीएम द्वारा घोषित स्पेशल पैकेज के बारे में विस्तृत ब्यौरा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करती आ रही हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार के घोषित 20 लाख 97 हजार करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज संबंधी खाका के बारे में रविवार को अहम जानकारी दी।
पूरा हिसाब इस तरह -
किस मद में कितना पैसा खर्च या आवंटित होगा उन्होंने इस बारे में जानकारी साझा की। मौटे तौर पर देखा जाए तो
प्रधानमंत्री गरीब योजना –
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना सहित पुराना पैकेज पर 1,92,800 करोड़ रुपये का प्रबंध किया गया है। इसमें स्वास्थ्यगत सुविधाओं पर खास फोकस किया गया है।
एमएसएमई -
वित्त मंत्री ने बताया कि 13 मई 2020 को घोषित पैकेज 5,94,550 करोड़ रुपये का था। जिसमें एमएसएमई, ईपीएफ, एनबीएफसी, टीडीएस व टीसीएस रेट में कटौती संबंधी प्रावधान किये गए थे।
श्रमिक एवं कृषि –
फिर 14 मई 2020 को वित्त मंत्री ने 3,10,000 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया। इसमें सरकार ने किसान विकास पत्र, प्रवासी मजदूरों के लिए अन्न, मुद्रा शिशु लोनआदि क्षेत्रों में किये गये प्रावधानों की जानकारी दी।
माइक्रो एग्रो इन्फ्रा -
शुक्रवार को केंद्र सरकार ने हर्बल कल्टिवेशन, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना आदि पर कुल 1,50,000 करोड़ रुपये की अहम घोषणाएं कीं।
चौथी-पांचवी किस्त -
इस कड़ी में केंद्र सरकार ने वीजीएफ यानी व्यवहार्यता अंतराल निधि (VGF) एवं मनरेगा के साथ ही आरबीआई से जुड़ी घोषणाओं कीं। पैकेज की सिलसिलेवार जारी जानकारियों की श्रृंखला में शनिवार और रविवार को सरकार ने आर्थिक पैकेज की चौथी और पांचवी किस्त जारी की। इन दोनों किस्तों में कुल मिलाकर दो दिनों में 48,100 करोड़ रुपये की अहम घोषणाएं सरकार ने कीं।
वित्त मंत्री ने इस दौरान स्पष्ट किया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जो प्रावधान लागू कर चुका है वह 8,01,403 करोड़ रुपये का है। विभिन्न मदों के मान से सरकार ने एक तरह से कोविड प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था को गतिशील रखने के लिये कुल 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपये के बड़े पैकेज की घोषणा की है।
डिसक्लेमर: यह आर्टिकल सरकारी एवं निजी एजेंसी फीड और प्रचलित खबरों पर आधारित है। शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ कर इसे पठनीय बनाया गया है। अतः इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।
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