हरियाणा, भारत। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन अभी तक जारी है। न मान रहे अन्नदाता और न ही सुन रही सरकार। कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते-करते किसानों को 9-10 महीने से भी ज्यादा समय हो चुका है। इस बीच प्रदर्शनकारी किसान अपनी मांग पूरी करने के लिए कुछ न कुछ जतन कर रहे हैं और अब किसानों पर लाठीचार्ज के बाद अपनी मांगों को लेकर हरियाणा के करनाल में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है।
मिनी सचिवालय में किसानों का धरना प्रदर्शन :
बताया जा रहा है कि, हरियाणा में करनाल के मिनी सचिवालय में किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है और करनाल में किसानों का जो विरोध प्रदर्शन हो रहा है, वो किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर अपनी मांगों को लेकर किया जा रहा है। दरअसल किसान अब पिछले महीने 28 अगस्त को पुलिस की लाठीचार्ज के खिलाफ एवं ज़िला प्रशासन द्वारा घायल प्रदर्शनकारियों को मुआवज़ा देने और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर किसानों ने यह घेराव किया।
राकेश टिकैत ने कहा :
इस दौरान भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि, ''आगे क्या करना है ये बैठकर तय करेंगे। रात में प्रशासन से बातचीत नहीं हुई थी। प्रशासन अपना काम करे, वे दूसरे गेट का इस्तेमाल कर लें, कई गेट हैं।'' तो वहीं, किसानों का कहना है कि, जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक वो धरने से नहीं हटेंगे।
बता दें कि, किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज को लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और ऐसा न होने पर मिनी सचिवालय का घेराव करने की धमकी दी थी। इस दौरान प्रशासन द्वारा उनकी मांगों पर चर्चा करने और उन्हें मिनी सचिवालय की ओर मार्च करने से रोकने के लिए 11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया। तो वहीं, मंगलवार शाम को वार्ता विफल होने के बाद उन्होंने सचिवालय का घेराव किया था। किसान नेताओं ने कहा कि, ''बातचीत नाकाम हो गई क्योंकि वे हमारी मांगों पर सहमत नहीं थे। उसके बाद किसान नेताओं ने महापंचायत में मौजूद लोगों से मिनी सचिवालय की ओर मार्च करने का आग्रह किया। हजारों किसान मिनी सचिवालय की ओर चल पड़े।''
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