राज एक्सप्रेस। आठ जनवरी को सरकार और किसानों के बीच नौवें दौर की वार्ता से पहले गुरुवार को किसान शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। देश में किसानों का आंदोलन 42वें दिन में प्रवेश कर चुका है। सरकार और किसानों के बीच आठ राउंड की वार्ता फेल हो चुकी है, अब सबकी नजरें 8 जनवरी की वार्ता पर है। गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में गाजीपुर बॉर्डर से पलवल तक किसानों की 150 ट्रैक्टरों की यात्रा निकलेगी। ये ट्रैक्टर यात्रा कुंडली मानेसर पलवल यानी कि केएमपी एक्सप्रेस वे पर निकाली जाएगी।
कृषि कानून और किसान आंदोलन पर 11 जनवरी को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट नए कृषि कानूनों और उसकी वजह से चल रहे किसान आंदोलनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 11 जनवरी को सुनवाई होगी। इस संबंध में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया। कोर्ट ने यह कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को चुनौती देने वाले सभी याचिकाओं पर अगले सोमवार को सुनवाई होगी। केंद्र की ओर से कोर्ट में दलील दे रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि किसानों के साथ सरकार की वार्ता जारी है और समझौते पर पहुंचने के भी आसार हैं।
कृषि मंत्री तोमर ने जताई कल की वार्ता में समाधान की उम्मीद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को उम्मीद जताई कि किसान संगठनों से शुक्रवार को होने वाली वार्ता में विवाद का समाधान निकल जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आंदोलनकारी किसान संघ भी किसानों की भलाई सोचेंगे और समाधान के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे। 8 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चे व सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता होगी। इसे देखते हुए कृषि मंत्री तोमर ने समाधान की उम्मीद जताई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम किसानों की भलाई के लिए वचनबद्ध हैं। हम उन लोगों से भी मिलेंगे जो इन कानूनों का समर्थन कर रहे हैं और उनसे भी मिलेंगे जो इनका विरोध कर रहे हैं। उम्मीद करता हूं कि इन कानूनों का विरोध कर रहे संगठन किसानों की भलाई के बारे में सोचेंगे और समाधान निकालने में सक्रिय रहेंगे।
पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह बोले- तीनों कृषि कानून किसान विरोधी, सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे :
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ तौर पर कहा कि तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम इसके खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने केंद्र से कहा कि अगर किसान कानूनों को वापस लेने के लिए कह रहे हैं तो आप कानून वापस ले सकते हैं और बाद में किसान संगठनों से बात कर सकते हैं कि आप कौन सा कानून चाहते हैं।
डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।