किसान दिवस : चौधरी चरण सिंह बर्थडे Syed Dabeer Hussain - RE
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किसान दिवस : जब किसान बनकर थाने में रिपोर्ट लिखाने पहुंचे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, जानिए पूरा किस्सा

केन्द्रीय वित्तमंत्री के रूप में जब चौधरी चरण सिंह ने बजट बनाया तो उसमें गांवों और किसानों को प्राथमिकता दी। उन्होंने भूमि सुधारों पर भी काफी काम किया।

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 120वीं जयंती है। उनकी जयंती को देशभर में ‘किसान दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है। इसका कारण यह है कि चौधरी चरण सिंह हमेशा देश के किसानों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रयासरत रहे है। केन्द्रीय वित्तमंत्री के रूप में जब उन्होंने बजट बनाया तो उसमें गांवों और किसानों को प्राथमिकता दी। उन्होंने भूमि सुधारों पर भी काफी काम किया। इन सभी चीजों के चलते वह किसानों के सर्वमान्य नेता भी बने।

गरीब परिवार में हुआ था जन्म :

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को मेरठ जिले के बाबूगढ़ छावनी के निकट नूरपुर गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था। वह साल 1929 में आजादी की लड़ाई में शामिल हुए और साल 1940 में सत्याग्रह आंदोलन के दौरान जेल भी गए। देश की आजादी के बाद साल 1952 में वह कांग्रेस सरकार में राजस्व मंत्री बने। इसके बाद चौधरी चरण सिंह उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री, केन्द्र सरकार में गृहमंत्री, वित्तमंत्री और उपप्रधानमंत्री भी रहे। साल 1979 में वह समाजवादी पार्टियों तथा कांग्रेस (यू) के सहयोग से प्रधानमंत्री भी बने।

जब थाने में रिपोर्ट लिखाने पहुंचे प्रधानमंत्री :

चौधरी चरण सिंह का एक मशहूर किस्सा है कि वह एक बार प्रधानमंत्री रहते हुए थाने में रिपोर्ट लिखाने पहुंच गए थे। यह घटना साल 1979 की है। हुआ यह कि चौधरी चरण सिंह कानून व्यवस्था का जायजा लेना चाहते थे। ऐसे में वह अपने काफिले को काफी दूर खड़ा करके इटावा जिले के ऊसराहार थाने में मैला कुर्ता और धोती पहनकर पहुंच गए। थाने में पहुंचकर उन्होंने सिपाही से बैल चोरी होने की रिपोर्ट लिखने के लिए कहा। इस पर सिपाही ने उनसे इंतजार करने के लिए कहा।

प्रधानमंत्री से मांगी रिश्वत :

काफी देर तक इंतजार करने के बाद सिपाही चौधरी चरण सिंह को दरोगा के पास लेकर गया। दरोगा ने उनसे कुछ सवाल पूछे और फिर डांटकर भगा दिया। जब चौधरी चरण सिंह वहां से जाने लगे तो पीछे से एक सिपाही आया और रिपोर्ट लिखने के एवज में 35 रुपए की रिश्वत की मांग की। इसके बाद रिश्वत लेकर एक कागज पर चौधरी चरण सिंह की रिपोर्ट लिखी गई और उनसे हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया। इस पर चौधरी चरण सिंह ने कागज पर हस्ताक्षर किया और अपनी जेब से मुहर निकालकर कागज पर लगा दी उस पर लिखा था – ‘Prime Minister of India’।

पूरा थाना हो गया सस्पेंड :

जब पुलिसकर्मियों को पता चला कि देश का प्रधानमंत्री उनके थाने में है तो वहां हड़कंप मच गया। रिश्वत मांगने वाले पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए। इस घटना के बाद चौधरी चरण सिंह ने पूरे ऊसराहार थाने को ही सस्पेंड कर दिया।

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