दिल्ली, भारत। तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के हालात को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है। इस बीच आतंकवादी कृत्यों द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, जिसे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संबोधित किया। UNSC की अध्यक्षता करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि, "लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन बेखौफ अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।"
आतंकवादियों को पनाह देने से बचना चाहिए :
इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा किए गए मुंबई हमले, पठानकोट में वायु सेना अड्डे और पुलवामा हमले की याद दिलाते हुए कहा- अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवादियों को पनाह देने से बचना चाहिए, हमें यह याद रखना होगा कि आतंकवाद उसी तरह से घातक है, जिस तरह से कोरोना। हममें से एक भी इससे सुरक्षित नहीं रहेगा, जब तब की सभी सुरक्षित नहीं रहेंगे। भारत, आतंकवाद से संबंधित चुनौतियों और क्षति से अत्यधिक प्रभावित रहा है। दुनिया को आतंकवाद की बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। भारत मानता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। आतंकवाद के सभी रूपों, अभिव्यक्तियों की निंदा की जानी चाहिए, इसे किसी भी तरह न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता।
कुछ ऐसे देश हैं जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर करते हैं, इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। आईएसआईएस का वित्तीय संसाधन जुटाना और अधिक मजबूत हुआ है, हत्याओं का इनाम अब बिटकॉइन के रूप में भी दिया जा रहा है। व्यवस्थित ऑनलाइन प्रचार अभियानों के जरिए कमजोर युवाओं को कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल करना गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री ने चीन और पाकिस्तान पर साधा निशाना :
UNSC में एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि, "हमें ऐसी दोहरी बातें करने वालों को उजागर करना होगा, जो उन लोगों को सुविधाएं देते हैं, जिनके हाथ मासूमों के खून से रंगे हैं। आतंकवादी घोषित करने के अनुरोधों के रास्ते में बिना किसी उचित कारण देशों को अवरोध उत्पन्न नहीं करना चाहिए।" भारत ने चेताया कि, "कोई भी दोहरा मानदंड या आतंकवादियों के बीच भेदभाव सिर्फ हमें तकलीफ पहुंचाएगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय समान विचार रखता है कि, आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा होनी चाहिए। इसमें कोई अपवाद नहीं हो सकता है। ना ही किसी आतंकवादी गतिविधि को सही ठहराया जा सकता है, भले ही उसके पीछे कारण/मंशा कुछ भी हो। चीन पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने के लिए भारत के प्रयास के रास्ते में बार-बार रोड़ा अटकाता रहा है।"
बता दें कि, विदेश मंत्री एस जयशंकर न्यूयॉर्क में हैं और वे आज शुक्रवार को भारत लौट आएंगे।
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