राज एक्सप्रेस। देश में एक साल तक कोरोना ने जम कर आतंक मचाया। काफी समय तक लॉकडाउन लागू रहा। जिससे देश को आर्थिक मंदी का माहौल छा गया। हालांकि, इसी दौरान दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटे रहे। एक साल के बाद जाकर कई ट्रायलों को पास करने के बाद देशभर में कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने से कुछ राहत मिली, लेकिन इस दौरान कोरोना के मामलों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। जबकि, पिछले कुछ दिनों में कोरोना का आंकड़ा प्रतिदिन 2 लाख से ज्यादा आ रहा था। इसी बीच ऐसे लोगों का इंतज़ार खत्म हो चला, जिन्हें कोरोना वैक्सीन लगवाना है और उनकी उम्र 18 साल से ज्यादा है।
कोरोना वैक्सीन लगवाने वालो का इंतज़ार हुआ खत्म :
दरअसल, देशभर में कोरोना वैक्सीन का वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद लोगों को आयु वर्ग के हिसाब से वैक्सीन की डोज देना शुरू किया गया था। जिसमे सबसे पहले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई ,इसके बाद 45 साल के लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई। इसी बीच 18 साल से ऊपर के लोग अपनी बारी आने का इंतज़ार कर रहे थे। वहीं, अब उनका इंतज़ार ख़त्म हो गया है क्योंकि ऐसे लोगों को अब 1 मई से कोरोना वैक्सीन की डोज दी जाएगी और 18 साल से ऊपर सभी आयु वर्ग के लोग अब वैक्सीन लगवा सकेंगे।
सरकार का बड़ा ऐलान :
बताते चलें, सरकार ने वैक्सीनेशन को लेकर जानकारी देते हुए बड़ा ऐलान कर बताया है कि, '1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोग वैक्सीन लगवा सकेंगे। सरकार ने यह भी फैसला किया है कि, वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अपनी 50% वैक्सीन की सप्लाई केंद्र को करेंगी और बाकी 50% वैक्सीन की सप्लाई राज्य सरकारों को कर सकेगी या उसे ओपन मार्केट में बेच सकेंगी।' बता दें, देशभर में अब तक लगभग 12.38 करोड़ लोगों को वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लग चुकी हैं। अब आगमी 1 मई से शुरू होने वाले वैक्सीनेशन के लिए भी सभी लोगों को पहले की तरह ही रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
सरकार का वैक्सीन निर्माता कंपनियों से कहना :
सरकार ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों से कहा है कि, 'फेज-3 में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां महीने में बनने वाली कुल वैक्सीन का 50% केंद्र को सप्लाई करेंगी। बाकी का 50% राज्य सरकारों और ओपन मार्केट में बेचने की छूट रहेगी। कंपनियों को 50% वैक्सीन राज्यों और खुले बाजार में 1 मई से पहले पहुंचानी होगी। साथ ही कंपनियों को वैक्सीन की कीमत भी पहले तय करनी होगी। इसके बाद राज्य सरकार, निजी अस्पताल, औद्योगिक इकाइयां कंपनियों से सीधे वैक्सीन खरीद सकेंगी। वैक्सीन लगाने वाले प्राइवेट संस्थानों को भी इसका चार्ज पहले से बताना होगा।'
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