दिल्ली, भारत। केंद्र की मोदी सरकार अपने कार्यकाल में एक अलग अंदाज में काम कर रही है। इस बीच अब मोदी सरकार वोटर कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रस्ताव लाई है और आज इस प्रस्ताव को लोकसभा में पेश किया गया। इस दौरान वोटर ID को आधार कार्ड से जोड़ने वाला बिल 'चुनाव कानून संशोधन विधेयक 2021' लोकसभा में पास हो गया है।
बिल को कानून मंत्री किरण रिजिजू ने किया पेश :
इस बिल को आज सोमवार को केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा में पेश किया और कहा कि, ''सदस्यों ने इसका विरोध करने को लेकर जो तर्क दिया, वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास है। यह बिल SC के फैसले के हिसाब से ही है।'' तो वहीं, लोकसभा में चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021 पेश होने का विपक्षी सांसदों ने सदन में हंगामा किया, लेकिन फिर भी यह विधेयक लोकसभा में पास हो गया और सदन की कार्यवाही को कल मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
चुनाव सुधार की दृष्टि से ये बहुत महत्वपूर्ण बिल है :
लोकसभा में चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा- चुनाव सुधार की दृष्टि से ये बहुत ही महत्वपूर्ण बिल है। अभी की प्रणाली में अगर 2 जनवरी तक आपका नाम सूची में नहीं आया तो आपको 1 साल इंतजार करना पड़ता था। अब इसके लिए साल में 4 बार विंडो खुलेगी। आधार कार्ड को वोटर लिस्ट के साथ जोड़ना अनिवार्य नहीं है। ये स्वैच्छिक है। ये वैकल्पिक है। इससे एड्रेस पता करने में मदद होगी, फर्ज़ी वोटिंग को रोकने में मदद होगी।
अधिनियम (1951 के लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम) में "पत्नी" शब्द को बदलकर स्पाउस(जीवनसाथी) किया है। चुनाव परिसर अधिग्रहण की सीमा का विस्तार करने के दायरे को बढ़ाया है।केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू
बता दें कि, चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021 मतदाता सूची डेटा को आधार से जोड़ने की अनुमति देता है और यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में पत्नी शब्द को पति/पत्नी शब्द से बदलने का भी प्रस्ताव करता है, जिससे कानून लिंग तटस्थ हो जाता है। हालांकि, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते बुधवार को चुनाव सुधारों से जुड़े इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी थी।
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