दिल्ली, भारत। सालभर से भारत के राज्यों में आए दिन किसी न किसी तरह की परिस्थितियां देखने को मिल ही रही है। चाहें वो प्राकृतिक आपदाओं का कहर हो या कोई सड़क हादसा। अब भारत में कड़ाके की ठंड का माहौल है। जिससे पहले ही लोगों की हालत खराब है। ऐसे में भारत के कई राज्यों से आए दिन भूंकप के झटके महसूस होने की खबरें भी सामने आती रही है। इसी कड़ी में अब देश की राजधानी दिल्ली-NCR से गुरुवार की शाम भूकंप के झटके महसूस होने की खबर सामने आई हैं। हालांकि, यहां आए भूकंप के झटके काफी हल्के थे।
दिल्ली में महसूस हुए भूकंप के झटके :
पिछले दिनों कई राज्यों के बाद गुरुवार की शाम को दिल्ली-NCR में कई सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी -NCS) के अनुसार, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई है। जिसे भूकंप की काफी तेज गति माना जाता है।भूकंप के झटकेमहसूस किये जाने की जानकारी 'विज्ञान के लिए राष्ट्रीय केंद्र' (National Center for Seismology) द्वारा ट्वीट कर दी गई है। इसके अलावा यह भूकंप संवेदनशील इलाके में आया है ऐसा बताया गया है। फ़िलहाल किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है।
भूकंप से हुई थी साल की शुरुआत :
बताते चलें, दिल्ली में यह भूकंप एक हफ्ते में दूसरी बार आया है। दिल्ली में इस साल की शुरुआत ही भूकंप के झटको से हुई थी। यानी यहां 1 जनवरी को भी भूकंप के झटके महसूस हुए थे। इस तरह लगातार आ रहे झटको से लोगों में डर का माहौल है।
भूकंप की स्थिति में क्या करें, क्या न करें
भूकंप आने पर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें।
भूकंप के झटके महसूस बंद होने तक बाहर ही रहें।
यदि आप गाड़ी चला रहे हो तो गाड़ी को रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें।
पुल या सड़क पर जाने से बचें।
भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं।
यदि आप घर से बाहर नहीं निकल सकते तो, घर के किसी कोने में चले जाएं।
घर में कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।
भूकंप के समय लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें।
क्यों आता है भूकंप :
भूकंप के बारे में आए दिन ही खबरें लगातार सामने आ रही हैं, किसी न किसी राज्य में भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं। ऐसे में बार-बार भूकंप के चलते मन में सवाल आता ही होगा कि, आखिर क्यों बार-बार भूकंप के झटके लग रहे हैं। दरअसल, धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती है। इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैक्टोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपित हो जाती हैं, तो भूकंप के झटके महसूस होते हैं।
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