Dowry Cases in India Raj Express
भारत

Dowry Death : देवियों का देश भारत, जहां हर रोज 17 महिलाओं की "दहेज मृत्यु"

Dowry Cases in India : NCRB के आकंड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि, पढ़ा लिखा समाज भी बेटे का घर बसाने के लिए बहु के माता पिता से पैसा, वाहन, लग्जरी गिफ्ट्स लेते हैं।

Deeksha Nandini

राज एक्सप्रेस। देवियों का देश है भारत, जहां हर रोज 17 महिलाओं की दहेज़ के लिए मृत्यु होती है। ये आंकड़ा काफी चिंताजनक है और विचारणीय भी। सदियों बाद भी समाज बदला नहीं है बल्कि उसकी लालच की सीमा बढ़ गई है। लालच भी इतना , कि प्रेम में पड़ी लड़की को भी बिना दहेज़ के ब्याह कर नहीं लाया गया । ताजा उदहारण में केरल के तिरुवनंतपुरम में एक 26 वर्षीय डॉ. शहाना दहेज़ की भेंट चढ़ गई है। प्रेमी डॉ. रुवैस के घर वालों ने शादी के लिए तो हाँ कर दिया लेकिन लड़की वालों के सामने दहेज़ की भारी डिमांड रख दी। जिसके बाद डॉ शाहना ने मजबूर होकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने से पहले उन्होंने एक कागज़ पर अपने भाव लिखे...। "सबको सिर्फ पैसा चाहिए"। यकीनन डॉ शाहना ने समाज के बारे में ठीक ही लिखा इस घटना ने कुछ समय के लिए ध्यान आकर्षित किया लेकिन समाज को झंझोड़ कर पूछा नहीं कि,देवियों की पूजा करने वाले इस देश में क्या बेटियां बिना दहेज़ के ब्याही नहीं जा सकती ?

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट के आकंड़े समाज के लालच को उजागर करते है। 2022 में दहेज़ के लिए 6516 बेटियाँ बलि चढ़ा दी गई , कानून में मामला दहेज़ मृत्यु (304 B) का माना जाता है लेकिन इसे हत्या से कम नहीं माना जा सकता। NCRB के आकंड़ों के अनुसार साल 2022 में हर रोज 17 बेटियों को दहेज़ के लिए मौत दी गई, जबकि 2022 में ही देश के विभन्न थानों में दहेज़ प्रताड़ना के 14 लाख 4 हजार 593 प्रकरण दर्ज हुए। दहेज़ प्रताड़ना अपराध का दर 20.9 है। इन आकंड़ों से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि, पढ़ा लिखा समाज भी बेटे का घर बसाने के लिए बहु के माता पिता से पैसा, वाहन, लग्जरी गिफ्ट्स लेते है। पुलिस थानों में यह आंकड़ा लगभग हर साल बढ़ता है लेकिन समाज का दहेज़ लोभी होने का प्रतिशत कम नहीं हो रहा।

अब पढ़ें डॉ. शाहना की कहानी

केरल के तिरुवनंतपुरम में एक 26 वर्षीय डॉ. शहाना दहेज़ की भेंट चढ़ गई है। प्रेमी डॉ. रुवैस के घर वालों ने शादी के लिए तो हाँ कर दिया लेकिन डॉ. शहाना के परिवार वालों के सामने दहेज़ की भारी-भरकम डिमांड रख दी। रुवैस के परिवार ने दहेज में 150 ग्राम सोना, 15 एकड़ जमीन और एक BMW कार की मांग की थी। इस डिमांड को पूरा करने में डॉ. शहाना का परिवार असक्षम था। जिसके बाद रुवैस के घर वालों ने रिश्ता तोड़ दिया। इससे शहाना डिप्रेस्शन में चली गई, शहाना ने प्रेमी रुवैस को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन सभी कोशिशें नाकाम रही। परेशान होकर शहाना ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली।

"हर कोई केवल पैसा चाहता है":

डॉ. शहाना की लाश के पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें लिखा था कि, "हर कोई केवल पैसा चाहता है"। यह युवती तिरुवनंतपुरम के सरकारी मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग से पोस्‍ट ग्रेजुएशन कर रही थीं। शहाना के परिजनों ने पुलिस में घटना की शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने प्रेमी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और दहेज रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने महिला के परिजनों के बयान भी दर्ज किए हैं। डॉ. शहाना अपनी मां और दो भाई-बहनों के साथ रहती थीं। उनके पिता की दो साल पहले मृत्यु हो गई। वह डॉ. ईए रूवैस के साथ रिलेशनशिप में थीं और दोनों ने शादी करने का फैसला किया था।

ये सोच बदलनी होगी

ऐसा नहीं है कि, दहेज़ कुप्रथा के मामले में दोषी कोई एक पक्ष है बल्कि समाज में रहने वाला हर तबका सामूहिक रूप से जिम्मेदार है। माँ-बाप अपनी बेटी के लिए अच्छे इंसान की बजाए घर-मकान और पैसा अधिक तलाशते है वहीं बेटे के माँ-बाप अच्छी बहु की बजाए दहेज़ अधिक देने वाले परिवार को.. । लालच दोनों तरफ से है, हालांकि डॉ. शहाना का मामला अपवाद है कि, प्रेमी से ब्याह को परिवार तैयार हुआ लेकिन प्रेमी के ही घरवालों ने दहेज़ मांग लिया, नहीं तो अब तक दहेज़ के मामले में प्रेम को निर्दोष माना जाता रहा है।

प्रेम के पक्ष में कवियित्री सीमा सिंह बौद्ध ने लिखा,

लड़कियां ब्याही जाती है

सरकारी नौकरों से,

दुकानों से,

बस वो ब्याही नहीं जाती

तो सिर्फ अपने प्रेमियों से... ।

दहेज़ प्रताड़ना के प्रकरण :

राज्य20212022दर
आंध्रप्रदेश1001010.4
अरुणाचल प्रदेश000
असम1751951
छत्तीसगढ़57630.4
गोवा000
गुजरात10100
हरियाणा2342341.7
हिमाचल प्रदेश110
झारखंड2082141.1
कर्नाटक1651660.5
केरल11120.1
महाराष्ट्र1801840.3
मणिपुर000
मेघालय110.1
मिजोरम000
नागालैंड000
ओडिशा2632631.1
पंजाब71710.5
राजस्थान4514511.2
सिक्किम000
तमिलनाडु29290.1
तेलंगाना1371370.7
त्रिपुरा25251.2
उत्तराखंड70701.2
उत्तर प्रदेश213821421.9
बिहार105710571.8
मध्य प्रदेश5185201.2
पश्चिम बंगाल4064270.8
केंद्र शासित प्रदेश20212022दर
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह 000
चंडीगढ़ 110.2
डी एंड एन हवेली और दमन और दीव110.2
दिल्ली1311311.3
जम्मू एवं कश्मीर 990.1
लद्दाख000
लक्षद्वीप 000
पुदुचेरी 110.1
कुल केन्द्रशासित प्रदेश1431430.8
कुल भारत645065161

दहेज़ मृत्यु के प्रकरण :

राज्य20212022दर
आंध्र प्रदेश119641202445.1
अरुणाचल प्रदेश74749.8
असम4704587027
बिहार185018503.1
छत्तीसगढ9429456.3
गोवा660.8
गुजरात216622096.4
हरियाणा5883588741.7
हिमाचल प्रदेश1962015.3
झारखंड8508704.4
कर्नाटक281228518.5
केरल4998509427
मध्य प्रदेश8486850620.4
महाराष्ट्र113671138418.8
मणिपुर10100.6
मेघालय28281.7
मिजोरम440.7
नगालैंड330.3
ओडिशा5322546623.2
पंजाब1640164011.3
राजस्थान188471885248.2
सिक्किम220.6
तमिलनाडु104310432.7
तेलंगाना9996999653
त्रिपुरा33833816.7
उत्तर प्रदेश203712051118.2
उत्तराखंड95495616.9
पश्चिम बंगाल196502243140.6
कुल राज्य13450613905120.6
केंद्र शासित प्रदेश20212022 दर
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह 552.6
चंडीगढ़ 838314.7
डी एंड एन हवेली और दमन और दीव10102.4
दिल्ली4901493049.7
जम्मू एवं कश्मीर 5005007.8
लद्दाख221.5
लक्षद्वीप 221.5
पुदुचेरी 991.1
कुल केन्द्रशासित प्रदेश5513554229.8
कुल भारत14001914459320.9

सजा का प्रावधान :

  • दहेज निषेध अधिनियम, 1961 के अनुसार दहेज लेने, देने या इसके लेन-देन में सहयोग करने पर 5 वर्ष की कैद और 15,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।

  • दहेज के लिए उत्पीड़न करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए जो कि पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा सम्पत्ति अथवा कीमती वस्तुओं के लिए अवैधानिक मांग के मामले से संबंधित है, के अन्तर्गत 3 साल की कैद और जुर्माना हो सकता है।

  • धारा 406 के अन्तर्गत लड़की के पति और ससुराल वालों के लिए 3 साल की कैद अथवा जुर्माना या दोनों, यदि वे लड़की के स्त्री-धन को उसे सौंपने से मना करते हैं।

  • यदि किसी लड़की की विवाह के सात साल के भीतर असामान्य परिस्थितियों में मौत होती है और यह साबित कर दिया जाता है कि मौत से पहले उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था, तो भारतीय दंड संहिता की धारा 304-बी के अन्तर्गत लड़की के पति और रिश्तेदारों को कम से कम सात वर्ष से लेकर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

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