लद्दाख, भारत। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन में दो महीने से बॉर्डर पर जारी विवाद की स्थिति के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने मोर्चा संभाला और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बातचीत की। इसके बाद दोनों देशों में बातचीत के यहां माहौल बदला व चीन के सैनिक अपने कदम पीछे खींचने को मजबूर हुए हैं।
NSAऔर चीनी विदेश मंत्री की बात में बनी सहमति :
बताया जा रहा है कि, बीते दिन यानि रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर लगभग 2 घंटे तक बात की थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सहमति बनी और बातचीत के बाद ही नतीजा यह निकला कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास गलवान घाटी में आज चीनी सेना पीछे हटी है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, "दोनों पक्ष इस बात राजी हुए कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव मुक्त करने की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए। साथ ही दोनों पक्षों को भारत चीन सीमाओं पर चरणबद्ध तरीके से तनाव को खत्म करना चाहिए। भारत चीन सीमा पर द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत शांति और अमन की बहाली के लिए एनएसए अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच बातचीत जारी रहेगी।"
सूत्रों का कहना है कि, बातचीत सौहार्दपूर्ण और दूरदर्शी तरीके से हुई। एनएसए डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बातचीत पूरी तरह से और स्थायी तौर पर शांति वापस लाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए एक साथ काम करने पर केंद्रित रही।
बता दें कि, चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसा वाली जगह से 1-2 किलोमीटर पीछे हट गए हैं। 15 जून की घटना के बाद चाइनीज पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक उस स्थान से इधर आ गए थे, जो भारत के मुताबिक LAC है। भारत ने भी अपनी मौजूदगी को उसी अनुपात में बढ़ाते हुए बंकर और अस्थायी ढांचे तैयार कर लिए थे। दोनों सेनाएं आंखों में आंखें डाले खड़ी थीं।
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