नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किये जाने वाले अग्निवीरों के सेवानिवृत होने के बाद उन्हें दोबारा रोजगार देने की संभावनाओं के बारे में आज बड़ी तथा प्रमुख कंपनियों के साथ विचार विमर्श किया। सोसाइटी ऑफ इंडिया डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स के तत्वाधान में गुरूवार को हुई बातचीत के सत्र की अध्यक्षता रक्षा सचिव गिरधर अरमाने ने की और इसमें एलएंडटी, अदानी डिफेंस लिमिटेड, टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड, अशोक लेलैंड सहित अन्य प्रमुख भारतीय रक्षा उद्योगों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
रक्षा सचिव ने कहा कि कंपनियों को राष्ट्र के प्रति समर्पित और अनुशासित युवाओं को रोजगार देने के बारे में विचार करना चाहिए क्योंकि सशस्त्र बलों में कार्य के दौरान अग्निवीरों को उच्च स्तर का कौशल और प्रशिक्षण दिया जायेगा। इन युवाओं के रूप में उद्योग जगत को बेहद पेशेवर कार्यबल मिल सकता है।
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस प्रयास में निरंतर समर्थन और प्रतिबद्धता जताई और अग्निवीरों के पहले बैच को रोजगार देने के प्रति उत्सुकता व्यक्त की। उन्होंने आश्वासन दिया कि कौशल क्षमता के आधार पर अग्निवीरों के आरक्षण के लिए भर्ती नीतियों में उपयुक्त प्रावधान किए जाएंगे। चर्चा के दौरान उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप अग्निवीरों द्वारा सीखे गए कौशल को जोड़ने के संबंध में कुछ सुझावों पर भी विचार किया गया। रक्षा सचिव ने इसकी सराहना करते हुए रक्षा निर्माताओं से कॉर्पोरेट भर्ती योजनाओं में इस बारे में जल्द से जल्द नीतिगत घोषणा करने का आग्रह किया है।
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