दिल्ली शाहीन बाग में प्रदर्शन मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला Syed Dabeer Hussain - RE
दिल्ली

दिल्ली शाहीन बाग में प्रदर्शन मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

दिल्ली शाहीन बाग प्रदर्शन पर SC ने स्पष्ट कहा, सार्वजनिक जगहों पर प्रदर्शन करना लोगों के अधिकारों का हनन है। धरना-प्रदर्शन का अधिकार अपनी जगह, लेकिन अंग्रेजों के राज वाली हरकत अभी करना सही नहीं।

Author : Priyanka Sahu

दिल्‍ली, भारत। केन्द्र सरकार द्वारा लाये गए नागरिकता संशोधित कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में जबरदस्‍त विरोध-प्रदर्शन हुआ था, CAA विरोधी आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारी लगभग 100 दिनों से ज्यादा दिन तक धरने पर बैठे थे और आज इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।

सार्वजनिक स्थलों पर कब्जा करना स्वीकार नहीं :

दरअसल, शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को लेकर न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय न्यायिक पीठ ने फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा है कि, ''विरोध-प्रदर्शनों के लिए शाहीन बाग जैसे सार्वजनिक स्थलों पर कब्जा करना स्वीकार नहीं है। सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकाल तक कब्जा नहीं किया जा सकता, जैसा कि शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ। प्रदर्शन निर्धारित जगह या इलाकों में होना चाहिए। धरना-प्रदर्शन का अधिकार अपनी जगह है लेकिन अंग्रेजों के राज वाली हरकत अभी करना सही नहीं है।''

दिल्ली पुलिस को करनी चाहिए थी कार्रवाई :

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए शाहीन बाग आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा- शाहीन बाग इलाके से लोगों को हटाने के लिए दिल्ली पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी। प्राधिकारियों को खुद कार्रवाई करनी होगी और वे अदालतों के पीछे छिप नहीं सकते। सार्वजनिक स्थानों पर विरोध करने का अधिकार पूर्ण नहीं है और सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह के विरोध प्रदर्शनों के लिए अनिश्चित काल तक कब्जा नहीं किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, शाहीन बाग में मध्यस्थता के प्रयास सफल नहीं हुए, लेकिन हमें कोई पछतावा नहीं है। सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन उन्हें निर्दिष्ट क्षेत्रों में होना चाहिए। संविधान विरोध करने का अधिकार देता है, लेकिन इसे समान कर्तव्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए।

बता दें, शाहीन बाग में CAA के खिलाफ करीब 100 दिनों तक लोग सड़क रोक कर बैठे थे, इस दौरान दिल्ली को नोएडा और फरीदाबाद से जोड़ने वाले एक अहम रास्ते को रोक दिए जाने से रोज़ाना लाखों लोगों को परेशानी हो रही थी। इसी के खिलाफ वकील अमित साहनी और बीजेपी नेता नंदकिशोर गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

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