Hemant Soren की याचिका पर ED को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, 6 मई तक देना होगा जवाब Raj Express
दिल्ली

Hemant Soren की याचिका पर ED को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, 6 मई तक देना होगा जवाब

Author : Deeksha Nandini

हाइलाइट्स

  • न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दिपांकर दत्ता की पीठ ने की सुनवाई।

  • हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट के फैसले में देरी करने को लेकर गए थे सुप्रीम कोर्ट।

Hearing on Hemant Soren's Petition : दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने हाई कोर्ट के फैसले में देरी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ रूख किया था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दिपांकर दत्ता की पीठ ने यह आदेश पारित करते हुए इस मामले को अगले सप्ताह (6 मई) के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि, इस बीच झारखंड उच्च न्यायालय (जिसने इस मामले में 28 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था) चाहे तो कोई आदेश पारित कर सकता है। न्यायमूर्ति खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आज पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने 24 अप्रैल को भी झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता हेमंत सोरेन का पक्ष रखते हुए उनकी ओर अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था। अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ के समक्ष 'विशेष उल्लेख' के दौरान कहा था कि इस मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय ने 27 और 28 फरवरी को सुनवाई की थी, लेकिन अभी तक (24 अप्रैल) कोई आदेश पारित नहीं किया गया है।

पीठ के समक्ष अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि उच्च न्यायालय के आदेश पारित कराने में देरी का मतलब यह होगा कि पूर्व मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव के दौरान जेल में ही रहेंगे। उन्होंने दलील देते हुए कहा था कि हाई कोर्ट द्वारा इस मामले में कोई आदेश पारित करने में देरी होने के बाद हेमंत सोरेन ने अनुच्छेद 32 के तहत शीर्ष अदालत में याचिका दायर की। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने 31 जनवरी 2024 को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था।

बीते दिन 24 अप्रैल को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए कहा था कि, उच्च न्यायालय मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर फैसला नहीं सुना रहा है। हाई कोर्ट ने 28 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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