हाइलाइट्स :
कांग्रेस नेता जाया ठाकुर द्वारा दायर की गई थी याचिका।
अधिनियम पर स्टे लगाने से कोर्ट ने किया इंकार।
शीतकालीन सत्र में पारित हुआ था अधिनियम।
मुख्य न्यायाधीश पैनल से हटाए जाने पर आपत्ति।
नई दिल्ली। उच्तम न्यायालय ने शुक्रवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई के बाद इस मामले में केंद्र को नोटिस जारी किया है। यह याचिका कांग्रेस नेता जाया ठाकुर द्वारा दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं द्वारा इस अधिनियम पर स्टे लगाने की मांग की गई थी लेकिन अदालत ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया है।
याचिकाकर्ता द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 सेक्शन 7 और 8 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्त द्वारा जाया ठाकुर की याचिका पर सुनवाई की जा रही थी। यह याचिका संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई थी। बता दें कि, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 पिछले शीतकालीन सत्र में पारित हुआ था।
भारतीय संविधान की मूलभूत संरचना के विरुद्ध अधिनियम :
मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 में CEC और EC की नियुक्ति के लिए बने पैनल से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटा दिया गया था। इस मामले में जाया ठाकुर का पक्ष रखने वाले वकील विकास सिंह ने कहा कि, यह अधिनियम शक्तियों के बंटवारे के सिद्धांत के विरुद्ध है। जबकि शक्तियों के बंटवारे का सिद्धांत भारतीय संविधान की मूलभूत संरचना में शामिल है।
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