हाइलाइट्स :
राष्ट्रपति ने किया था राज्यसभा के लिए नामित।
शपथ ग्रहण के समय नारायण मूर्ति भी रहे मौजूद।
नई दिल्ली। माशूर लेखिका और समाजसेवी सुधा मूर्ति ने राज्यसभा सदस्य के रूप शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए सुधा मूर्ति को नामांकित किया गया था। राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ की उपस्थिति में सुधा मूर्ति ने संसद के ऊपरी सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली। इस मौके पर इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे।
राज्यसभा में उनके द्वारा उठाए जाने वाले विषयों के बारे में पूछे जाने पर द मूर्ति ट्रस्ट की अध्यक्ष सुधा मूर्ति ने कहा, 'मुझे समझने और अध्ययन करने दीजिए, समय आने पर आपको पता चल जाएगा...। यह पूछे जाने पर कि राज्यसभा सदस्यता उनके लिए चुनौती है या उपलब्धि का एहसास? उन्होंने कहा कि, "मैं तटस्थ और खुश हूं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनीत करने पर बधाई दी थी। उन्होंने कहा था कि, मुझे खुशी है कि भारत की राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नामित किया। सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान बहुत बड़ा और प्रेरणादायक रहा है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति एक है।" हमारी 'नारी शक्ति' का सशक्त प्रमाण, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं।
कौन हैं सुधा मूर्ति ?
सुधा मूर्ति प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका हैं। सुधा मूर्ति ने कई उपन्यास लिखे हैं। वह भारत की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी टेल्को में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर भी हैं। सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी हैं। सुधा मूर्ति के दो बच्चे हैं, बेटी अक्षता मूर्ति और बेटा रोहन मूर्ति। अक्षता नारायण मूर्ति यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी हैं। रोहन मूर्ति, मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया के साथ ही एक डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन स्टार्ट अप सोरोको के संस्थापक हैं।
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