हाइलाइट्स
राज्यसभा ने दो संवैधानिक एससी-एसटी विधेयक किए पारित।
60 से ज्यादा जनजाति समुदायों को जनजाति सूची में किया शामिल ।
सदन में दोनों विधेयकों पर हुई दो घंटे तक चर्चा।
Rajya Sabha Passes Two Constitution SC-ST Bills : दिल्ली। राज्यसभा ने मंगलवार को ओडिशा और आंध्र प्रदेश के आदिवासी समुदायों से संबंधित संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 और संविधान (अनुसूचित जनजाति - जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। सदन में दोनों विधेयकों पर एक साथ लगभग दो घंटे तक चर्चा हुई। इसका उत्तर देते हुए जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि, सरकार ने दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले उपेक्षित समुदायों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि, पीएम जनमन योजना का उद्देश्य यही है और सरकार इसी मंतव्य के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों के माध्यम से सरकार ने उन समुदायों को उनके अधिकार देने का प्रयास किया गया है जिन्हें आजादी के बाद अभी तक कोई सुविधायें नहीं दी गयी है। उन्होंने कहा कि ये समुदाय दूर दराज के आदिवासी क्षेत्रों में रहते हैं और इन्हें आदिवासी कहा भी जाता है, लेकिन इनका नाम जनजाति सूची में नहीं है। सरकार विधेयकों के माध्यम से इस विडंबना को दूर कर रही है। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों से कुछ समुदायों को जनजाति सूची में शामिल जा रहा है जबकि कुछ अनुसूचित जनजातियों को जनजाति सूची में डाला जा रहा है। कुछ जनजातियों की उप जातियों या उनके नाम में विभिन्नता को दूर किया जा रहा है और जनजाति सूची में रखा जा रहा है।
इन समुदायों की आबादी घटने के कारणों का पता लगाने दिये आदेश
जनजातीय मंत्री मुंडा ने कहा कि इनमें कई समुदाय विलुप्ति के कगार है और कुछ आबादी 200 से भी कम रह गयी है। सरकार ने इन समुदायों की आबादी घटने के कारणों का पता लगाने के लिए आदेश दिये हैं। संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 आंध्र प्रदेश से संबंधित है और इसमें पोरजा, बोंडो पोरजा, खोंड पोरजा और पारांगजीपरेजा, सावारास, कापू सावारास, मानिया सावारास, कोंडा सावारास और खुट्टो सावर को जनजाति सूची शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है।
इन जनजाति समुदायों को जनजाति सूची में किया शामिल
संविधान (अनुसूचित जनजाति - जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 ओडिशा से संबंधित है इसमें 60 से अधिक जनजाति समुदायों को जनजाति सूची में शामिल किया गया है। इनमें भूईया, भूयान, पौरी भूयान, पौडी भूयान, तमोरिया भूमिज, तमोडिया भूमिज, तमुडिया भूमिज, तमुंडिया भूमिज, तमुलिया भूमिज, तमाडिया भूमिज, तमाडिया, तमारिया और तमुडिया और भूंजिया और चुकतिया भूंजिया, बांडा प्रजा, बोंडा प्रजा, बोंडो, बोंडा और बांडा, धरुआ, धुरूबा, धुरवा, दुरुआ, धुरूआ, धुरवा, कंवर, कौर, कुँवर, काँवर, कुँअर, कोंवर, कुँअर, काँर, कोंवर, कुँवर, खोंड, कोंड, कंधा, कंधा कुंभार, नांगुली कंधा, सीता कंधा, कोंध, कुई, कुई (कांध), बुड़ा कोंध, बूरा कंधा, देसिया कंधा, डुंगरिया कोंध, कुटिया कंधा, कंधा गौड़ा, मुली कोंध, मलुआ कोंध, पेंगो कंधा, राजा कोंध, राज खोंड, मैनकिडी, मैनकिडिया, उरण, उराम, ओरम, उराँव, धनगरा, उराँव मुदी, सोलिया परोजा, बारेंग झोडिया परोजा, पेंगा परोजा, पेंगू परोजा, पोरजा, सेलिया परोजा, राजुआर, राजुआल, राजुआड, वेसुसोरा, सारा, मुका डोरा, मुका डोरा, नुका डोरा, नुका डोरा, कोंडा रेड्डी, कोंडा और रेड्डी शामिल हैं। ये आदिवासी समुदाय अविभाजित कोरापुट जिले के है जिसमें कोरापुट, नौरंगपुर, रायगडा और मल्कानगिरि जिले शामिल हैं।
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