नईदिल्ली। दिल्ली सरकार ने 12 साल बाद अपने विधायकों का वेतन बढ़ा दिया है। बजट से पहले दिल्ली के विधायकों के वेतन और भत्ते बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसके तहत वेतन में 66 फीसदी की बढ़ोतरी होने से पिछले 54,000 के बजाय अब विधायकों को प्रति माह 90,000 प्राप्त होंगे। इसके अलावा मंत्रियों और मुख्यमंत्री के वेतन में भी बढ़ोतरी की गई है। मुख्यमंत्री का वेतन अब बढक़र 1.70 लाख रुपए प्रति महीने हो गया है। यानी मंत्री और मुख्यमंत्री के वेतन में 136 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
4 जुलाई 2022 को दिल्ली विधानसभा में पांच अलग-अलग विधेयकों को पारित कर मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, मुख्य सचिव, अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के वेतन वृद्धि का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया था। राष्ट्रपति ने प्रस्ताव पर विचार करने के बाद 14 फरवरी को इसे मंजूरी दे दी, जिसके बाद विधायकों के वेतन में करीब 66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में दिल्ली के विधायकों का मूल वेतन 12,000 रुपए था, जिसे बढ़ाकर 30,000 रुपए कर दिया गया है। दैनिक भत्ता भी 1,000 से बढ़ाकर 1,500 रुपए कर दिया गया है। मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के वेतन में भी इतनी ही बढ़ोतरी की गई है। विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इस बढ़े हुए वेतन की व्यवस्था सभी 70 विधायकों के लिए 14 फरवरी 2023 से प्रभावी होगी।
विधायकों के वेतन और भत्ते भारत के राज्यों में काफी भिन्न होते हैं। तेलंगाना में विधायक 20,000 का वेतन कमाते हैं, लेकिन अगर सरकार द्वारा आवास प्रदान नहीं किया जाता है, तो उन्हें आवास के लिए अतिरिक्त भत्ते के साथ-साथ 2.3 लाख रुपए का निर्वाचन क्षेत्र भत्ता मिलता है। हिमाचल प्रदेश में विधायकों को 55,000 का उच्च वेतन मिलता है, साथ ही 90,000 का निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 1,800 का दैनिक भत्ता, 30,000 का सचिवीय भत्ता और 15,000 का टेलीफोन भत्ता मिलता है। दूसरी ओर, केरल के विधायक बिना किसी सचिवीय भत्ते के 2,000 का मामूली वेतन कमाते हैं, लेकिन 25,000 का निर्वाचन क्षेत्र भत्ता प्राप्त करते हैं। आंध्र प्रदेश के विधायक 12,000 का वेतन कमाते हैं और 1.13 लाख का निर्वाचन क्षेत्र भत्ता प्राप्त करते हैं।
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