हाइलाइट्स :
भारतीय नौसेना एनआईआईओ सेमिनार के पूर्ण सत्र में राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह बोले- भारत सभी sectors में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नया भारत निर्मित हुआ है: राजनाथ
दिल्ली, भारत। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज बुधवार को भारतीय नौसेना एनआईआईओ सेमिनार के पूर्ण सत्र में शामिल हुए और सत्र को संबोधित कर अपने संबोधन में कहीं ये बड़ी बातें।
भारतीय नौसेना एनआईआईओ सेमिनार के पूर्ण सत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- जैसा कि आप सभी जानते हैं, SPRINT innovative challenge की शुरुआत ही इस उद्देश्य के साथ की गई थी, कि NAVY में indigenous technology एवं products के usage को बढ़ावा मिल सके। अब तक यदि इसके Outcome पर हम नजर डालें, तो यह स्पष्ट दिखता है कि हमारी Armed forces एवं Department of Defence Production ने इस दिशा में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया है। आज इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर, fifth positive indigenization List को रिलीज करने की घोषणा करते हुए भी मुझे बड़ी खुशी हो रही है। इस List में 98 items हैं। हमारे डिफेंस सेक्टर की आत्मनिर्भरता में, मैं इसे एक बड़े कदम के रूप में देखता हूँ। इस List के जारी होने पर मैं फिर से आप सभी को बधाई देता हूँ।
जब से हम सरकार में आए हैं, तब से आत्मनिर्भरता का भाव हमारे हर प्रयास में झलक रहा है। चाहे वह कोई योजना हो या फिर कोई भी initiative, वह कोई भी मंत्रालय हो या फिर कोई भी sector, हम अपने कार्यों से यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारत सभी sectors में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बने। हमने सरकार में आने के साथ ही हर जगह आत्मनिर्भरता के भाव को पुनः जगाने का प्रयास किया। आपने मेरे शब्दों पर ध्यान दिया होगा, मैं आत्मनिर्भरता के भाव को जगाने की नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता के भाव को पुनः जगाने की बात कर रहा हूँ।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
साथियों, भारत हमेशा से ही ज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर रहा है। हमने अपने ज्ञान और नवाचार के माध्यम से न सिर्फ अपनी जनता का विकास किया है, बल्कि हमारे ज्ञान और नवाचार को सीखने देश-विदेश से छात्र, यात्री और व्यापारी भी अलग-अलग समय पर आए हैं। हमने आजादी के बाद, पहले 40-50 सालों में अपने राष्ट्र के प्रति ऐसी हीन भावना देखी, कि imported शब्द high quality का पर्याय बन गया। Imported car हो, Imported घड़ी हो, Imported जूते या कपड़े हों, यहां तक कि हमारे देवी देवताओं की मूर्तियां, हमारी संस्कृति से संबंधित सामान भी हम import करने लगे थे।
लोकल शब्द Low quality का पर्याय बन गया और यह किसी सामान को अपमानित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा। कहा जाने लगा, कि यह TV, या यह घड़ी लोकल है, तो ज्यादा दिन नहीं चलेगी। धीरे-धीरे अब हमें इस मानसिकता से मुक्ति मिल रही है। हमारे प्रधानमंत्री जी ने Vocal for local की मुहिम चलाई, और लोकल वस्तुओं को उसका सम्मान वापस दिलाने का कार्य किया।
हमारी सरकार ने defence, infrastructure, economy, health, और education आदि के क्षेत्र में जो काम किए हैं वह तो महत्वपूर्ण है ही। लेकिन जो एक काम मेरी दृष्टि में सबसे महत्वपूर्ण श्रेणी में आता है, वह यह है, कि हमने भारत की जनता में एक विश्वास जगाया है। आज अगर हमारा युवा अपने अंदर की शक्ति को पहचान रहा है, अपने अंदर के संशय को खत्म कर रहा है तो निश्चित ही आने वाले समय में वह अपने innovative approach और ज्ञान से भारत के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।
यदि आप गेहूं के मौसम में धान उगाएंगे, तो शायद वह उतना अच्छा न हो लेकिन यदि आप धान के मौसम में धान उगाएंगे तो वह अधिक खिल कर आएगा। मतलब कोई भी चीज हो, वह एक निश्चित समय, निश्चित environment और निश्चित मौसम में ही अपनी पूर्णता के साथ खिल कर सामने आती है।
भारत में भी अभी innovation का वही समय चल रहा है। यदि मैं भारत की armed forces की बात करूं, तो उनके पास भी innovation का एक समय आया है, एक लहर सी चल पड़ी है। मुझे याद है, मैं बीते कुछ समय में कई बार Navy, army, air force तथा और भी अलग-अलग stakeholders के द्वारा आयोजित किए गए कई challenges का उद्घाटन करने जा चुका हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जो नया भारत निर्मित हुआ है, वह किसी भी संशय से मुक्त है। संशय से मुक्त, और पूरे आत्मविश्वास से युक्त, हमारा देश, मिशन मोड में आगे बढ़ चुका है।
चाहे रक्षा विभाग हो, या भारत सरकार का कोई अन्य विभाग हो, हमने प्रयासपूर्वक ऐसी नई policies बनाई हैं, चाहे वह नई education policy हो, या फिर industries या innovation से संबंधित policies हों, जो व्यक्तिगत प्रगति एवं राष्ट्रीय विकास के incentives को Align कर सके। यही incentive alignment, iDEX के Program design में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
आप regularly कई innovative challenges शुरू करते रहते हैं। लेकिन उसे शुरू करने से पहले आप इस बात का अच्छे से आकलन करिए, कि आप जो technology challenge लाने जा रहे हैं क्या वह technology आज के समय के हिसाब से state of the art है? या फिर अगर आज state of the art है भी, तो क्या near future में क्या कोई better technology तो नहीं expected है ? या फिर वह technology, मार्केट में पहले से ही कहीं उपलब्ध तो नहीं है।
मैं चाहता हूं, कि इस analysis के लिए एक competent and empowered mechanism develop किया जाए, और हर technology या challenge की शुरुआत से पहले इस प्रकार के analysis किए जाएँ। इसके लिए DDP, DRDO और हमारी तीनों Armed forces मिलकर experts की एक independent body बना सकते हैं। हमें यह देखना होगा कि, iDEX में जो Challenges दिए जा रहे हैं, वह सही मायने में challenge हैं भी या नहीं। मेरा अर्थ यहां यह है, कि यदि आप 50 Challenges दे रहे हैं, और पूरे 50 Challenges achieve हो जा रहे हैं, तो इसका तो यह ही मतलब हुआ, कि हमें challenge के Level को और बढ़ाने की जरूरत है, जिससे innovation को और अधिक push मिल सके।
इस Challenge का नाम भले ही SPRINT हो, लेकिन हमें इसमें केवल तेजी से ही नहीं दौड़ना, बल्कि हमें इसमें मैराथन दौड़ की तरह लंबा भी दौड़ना है। हमें सिर्फ कुछ मीटर की दूरी तय नहीं करनी, हमें मीलों लंबा सफर तय करना है; यानी यह sprint भी है, और मैराथन भी।
मुझे पूरा विश्वास है, कि आप सभी इसी प्रकार से आगे बढ़ते रहेंगे, नए-नए innovations, व नए-नए challenges के माध्यम से defence sector में नई technologies का समावेश करते रहेंगे। साथ ही साथ, अपने कार्यों का मूल्यांकन करते हुए स्वयं के अंदर भी लगातार reforms लाएंगे।
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