हाइलाइट्स :
साल 2009 में लाल कृष्ण आडवाणी ने EVM पर उठाए थे सवाल।
जीवीएल नरसिम्हा राव ने 2010 में EVM पर लिखी थी किताब।
EVM के सुरक्षित होने के सबूत चुनाव आयोग कर चुका है पेश।
दिल्ली। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद एक बार फिर इलक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (EVM) के सुरक्षित होने पर सवाल खड़े हो गए हैं। EVM मशीन के सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ होने के दावों के बीच विपक्षी राजनीतिक दल अपने सवालों के समर्थन में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और जी. वी. एल. नरसिम्हा राव की किताब का हवाला दे रहे हैं। हालांकि, लाल कृष्ण आडवाणी के जिस बयान का हवाला दिया जा रहा है उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। वहीं EVM के सुरक्षित होने के कई सबूत केंद्रीय चुनाव आयोग कई बार पेश कर चुका है।
दरअसल, मंगलवार को संसद भवन के बाहर मीडिया से चर्चा के दौरान BSP सांसद कुंवर दानिश अली ने EVM के सुरक्षित होने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि, ''हम शुरू से ही ईवीएम के खिलाफ रहे हैं। चुनाव बैलेट पेपर पर होना चाहिए। ईवीएम का सबसे पहले विरोध बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने किया था। बीजेपी सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने इस पर एक किताब लिखी। कोई पार्टी पोस्टल बैलेट पर जीतती है और ईवीएम पर हारती है, हमने इसे कई बार संसद में उठाया है...हम ईवीएम का विरोध करते रहेंगे। चुनाव बैलेट पेपर पर होना चाहिए।
ऐसा नहीं है कि, सिर्फ क्षेत्रीय राजनीतिक दल EVM मशीन के सुरक्षित होने पर संदेह जाहिर कर रही हों बल्कि कांग्रेस भी इस पर सवाल खड़े कर रही है। आइये जानते हैं कि, ईवीएम मशीन के शुरुआती दौर में भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने क्या कहा था और पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के बेटे जी. वी. एल. नरसिम्हा राव ने अपनी किताब में इस संबंध में क्या लिखा था ?
EVM पर क्या कहा था लाल कृष्ण आडवाणी ने :
साल 2009 के अक्टूबर माह में भाजपा वरिष्ठ नेता कृष्ण आडवाणी ने एक इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने EVM की जगह मतपत्रों से चुनाव कराने की बात कही थी। साल 2008 में देश में लोकसभा के चुनाव हुए थे जिसमें कांग्रेस विजयी हुई थी। लाल कृष्ण आडवाणी ने लोकसभा चुनाव की विश्वसनीयता पर कोई सवाल नहीं उठाया पर उन्होंने कहा था कि, जब तक चुनाव आयोग यह सुनिश्चित नहीं कर लेता कि, EVM फुल - प्रूफ है तब तक महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्य में होने वाले चुनाव मतपत्रों से कराए जाने चाहिए। चुनाव आयोग को EVM में खराबी की हर संभावना को ध्यान में रखना चाहिए।
जीवीएल नरसिम्हा राव की EVM पर किताब लिखी किताब :
लाल कृष्ण आडवाणी के अलावा भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव की EVM पर लिखी किताब "लोकतंत्र ख़तरे में! क्या हम अपनी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर भरोसा कर सकते हैं?" (Democracy at Risk! Can we trust our Electronic Voting Machines) भी काफी चर्चा में है। यह किताब उन्होंने साल 2010 में लिखी थी। जीवीएल नरसिम्हा राव ने यह किताब लाल कृष्ण आडवाणी के उस बयान के एक साल बाद लिखी जिसमें EVM मशीन पर सवाल उठाए गए थे।
क्या लिखा है इस किताब में :
जीवीएल नरसिम्हा राव द्वारा साल 2010 में लिखी इस किताब के कवर पेज पर लिखा है, भारत की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रणाली की अखंडता सुनिश्चित करने में चुनाव आयोग की विफलता का चौंकाने वाला खुलासा (Shocking expose of the Election Commission's failure to assure the integrity of India's electronic voting system)।
इसके अलावा इस किताब में साल 2010 के उस बात का भी जिक्र है जहाँ हैदराबाद के तकनीकी विशेषज्ञ हरि प्रसाद ने मिशिगन यूनिवर्सिटी के दो शोधार्थियों के साथ मिलकर ईवीएम को हैक करने का दावा किया था। इस किताब के शुरुआती अंश में ही लिखा गया है कि, मशीनों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है। भारत में उपयोग होने वाली इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (EVM) इसका अपवाद नहीं है। ऐसे कई उदहारण हैं जब एक प्रत्याशी को दिया गया वोट किसी दूसरे प्रत्याशी को मिल गया।
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