हाइलाइट्स :
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर PM मोदी का जवाब
विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए शुभ है- PM मोदी
विपक्ष पर सत्ता की भूख सवार है: PM
दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरूवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देने पहुंच गए है। इस दौरान उन्होंने विपक्ष के इस प्रस्ताव को शुभ बताते हुए जाेरदार तंज कसे है।
विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए शुभ है :
लोकसभा में PM मोदी ने कहा- देश की जनता ने जो हमारी सरकार पर बार-बार विश्वास जताया है मैं उसके लिए उनका धन्यवाद करता हूं। कहते हैं भगवान बहुत दयालू है, वह किसी ना किसी माध्यम से इच्छाओं की पूर्ति करता है। मैं भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि ईश्वर ने विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने का सुझाव दिया। 2018 में भी ये ईश्वर का आदेश था कि विपक्ष ऐसा प्रस्ताव लेकर आए थे। अविश्वास प्रस्ताव हमारी सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं, विपक्ष का टेस्ट है, विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए शुभ है।
विपक्ष के कुछ दलों के आचरण ने सिद्ध कर दिया है कि उनके लिए देश से बड़ा दल है। आपको गरीब की भूख की नहीं, सत्ता की भूख आपके दिमाग पर सवार है। आपको देश के युवाओं के भविष्य की नहीं, अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कट्टर भ्रष्ट के लिए विपक्ष एक हुआ :
आगे उन्होंने कहा- आज मैं देख सकता हूं कि आपने (विपक्ष) तय कर लिया है कि एनडीए और बीजेपी लोगों के आशीर्वाद से पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए शानदार जीत के साथ वापस आएगी। कट्टर भ्रष्ट के लिए विपक्ष एक हुआ है। मैंने आपको 5 साल दिए और आपने कोई तैयारी नहीं की। विपक्ष पर सत्ता की भूख सवार है, आप तैयारी करके क्यों नहीं आते। आपको देश के युवाओं के भविष्य की नहीं, अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है।
लोगों के कल्याण के उद्देश्य से महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा की आवश्यकता थी, लेकिन विपक्ष को राजनीति में रुचि थी। सदन में हंगामा किया गया। कांग्रेस ने अधीर रंजन चौधरी को बोलने का समय नहीं दिया. क्यों समय नहीं दिया? शायद कोलकाता से कोई फोन आया होगा।
अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष ने सही से चर्चा नहीं की। फील्डिंग विपक्ष ने लगाई, चौके-छक्के यहीं से (सरकार की तरफ से) लगे। विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर नो बॉल-नो बॉल कर रहा है, जबकि सरकार की तरफ से सेंचुरी लगाई जा रही हैं। मैं विपक्ष से कहना चाहूंगा कि थोड़ी मेहनत करके आएं। आपसे 2018 में कहा था कि मेहनत करके आने लेकिन पांच साल में भी कुछ नहीं बदला।
विपक्ष ने देश को निराशा के अलावा कुछ नहीं दिया, जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े हुए हैं, वे भी हमसे हमारा हिसाब मांग रहे हैं।
1999 में वाजयेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया। शरद पवार उस वक्त नेतृत्व कर रहे थे, उन्होंने बहस की शुरुआत की।
2003 में अटल की सरकार थी, तब सोनिया गांधी विपक्ष की नेता थी। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव रखा।
2018 में खड़गे विपक्ष के नेता थे उन्होंने प्रस्ताव रखा, लेकिन इस बार अधीर बाबू (रंजन) का क्या हाल हो गया। उनको बोलने का मौका नहीं दिया। अमित भाई (शाह) ने कहा तो मौका दिया, लेकिन गुड़ का गोबर कैसे करना है उसमें ये माहिर हैं।
हमने भारत के युवाओं को घोटालों से रहित सरकार दी है। हमने दुनिया में भारत की बिगड़ी हुई साख को सुधारा है। इसे फिर एक बार फिर नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। कुछ कोशिश कर रहे हैं कि, इसमें किसी तरह दाग लग जाए लेकिन दुनिया को भारत पर विश्वास बढ़ता जा रहा है। विश्व में समकूल वातावरण के बीच विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता के विश्वास को तोड़ने की विफल कोशिश की है। विपक्ष इस वक्त भारत से जुड़ी कोई अच्छी बात सुन नहीं सकता।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
उन्होंने आगे यह भी कहा कि, भारत की तरक्की की सच्चाई दुनिया को दूर से दिख रही है, विपक्ष को यहां रहते हुए नहीं दिख रही, क्योंकि अविश्वास और घमंड इन रगों में रच बस गया है। विपक्ष का व्यवहार शुतुरमुर्ग जैसा हो गया है, इसके लिए देश कुछ नहीं कर सकता। जब भी घर में कुछ अच्छा होता है तो काला टीका लगाया जाता है। आज देश की जो वाह वाही हो रही है, आपने संसद में काले कपड़े पहनकर देश को काला टीका लगाने का काम किया है। विपक्षी पार्टियां उनको दिन-रात कोसती हैं. उनका फेवरेट डायलॉग है कि मोदी तेरी कब्र खुदेगी, लेकिन मैं इनके अपशब्दों को अपना टॉनिक बना लेता हूं।
नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पिछले पांच सालों में 13.5 करोड़ लोगों ने गरीबी पर काबू पाया है। आईएमएफ ने अपने वर्किंग पेपर में लिखा है कि भारत ने अत्यधिक गरीबी को लगभग खत्म कर दिया है। 2014 में, तीन दशकों के बाद पूर्ण बहुमत वाली सरकार आई और हमारे ट्रैक रिकॉर्ड के कारण 2019 में हमें बड़ा जनादेश मिला। डब्ल्यूएचओ ने स्वच्छ भारत अभियान का विश्लेषण किया और कहा कि इससे तीन लाख लोगों की जान बचाने में मदद मिली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मेरा मानना है कि विपक्ष को एक वरदान मिला है, कि ये लोग जिसका बुरा चाहेंगे उसका भला होगा। एक उदाहरण तो मैं हूं। मेरे खिलाफ क्या क्या किया गया लेकिन मैं बड़ा ही होता गया। विपक्ष ने कहा था कि, बैंकिंग सेक्टर बर्बाद हो जाएगा। विदेश से विद्वान लाकर ऐसा बुलवाया गया, लेकिन जब इन्होंने बैंकों का बुरा चाहा तब पब्लिक सेक्टर बैंक का नेट प्रॉफिट दो गुना से ज्यादा हो गया। विपक्ष ने फोन बैंकिंग घोटाले की बात की थी। इसके कारण देश को NPA के गंभीर संकट में डुबो दिया था, लेकिन उन्होंने जो NPA का अंबार लगाया था, उसे पार करके हम आगे निकल चुके हैं।
दूसरा उदाहरण हमारे डिफेंस के हेलिकॉप्टर बनाने वाले सरकारी कंपनी HAL से जुड़ी है। इसके लिए भली-बुरी बातें कही गईं। दुनिया में इसकी छवि बिगाड़ने कीकोशिश हुई। कहा गया कि, HAL बर्बाद-तबाह हो गया है। इतना ही नहीं जैसे आजकल खेतों में जाकर वीडियो शूट होता है (राहुल पर तंज), वैसा ही उस समय HAL फैक्ट्री के दरवाजे पर मजदूरों की सभा कर वीडियो शूट किया गया था। कामगारों को भड़काया गया कि, आपका अब कोई भविष्य नहीं है। इसका बुरा चाहा लेकिन आज HAL आज नई बुलंदी छू रहा है। HAL ने अपना अब तक का सबसे ज्यादा रेवेन्यू रजिस्टर किया है।
तीसरा उदाहरण LIC का है. कहा गया कि LIC डूब रहा है। गरीब का पैसा कहां जाएगा, लेकिन आज LIC लगातार मजबूत हो रही है। शेयर मार्केट में रुचि रखने वालों को ये गुरुमंत्र है कि, जिस सरकारी कंपनी को विपक्ष गाली दे, उसमें दांव लगा दीजिए सब अच्छा होगा। तीसरे टर्म (2024 लोकसभा चुनाव) में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे। देश का विश्वास है कि 2028 में जब आप अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे तो देश तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
हमारी सरकार जो भी योजना लाई उसका कांग्रेस और सहयोगी पार्टियों ने मजाक उड़ाया।कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों को भारत और उसके सामर्थ्य पर कभी भरोसा नहीं रहा। जैसे पाकिस्तान सीमा पर हमले करता था। आतंकवादी भेजता था और सब करके मुकर जाता था। कांग्रेस को पाकिस्तान से ऐसा प्रेम था कि, उसकी बात पर भरोसा हो जाता था।
कांग्रेस को कश्मीर के आम लोगों पर नहीं हुर्रियत पर विश्वास था। भारत ने आतंकवाद पर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक लेकिन इनको भारत की सेना नहीं दुश्मन के दावों पर भरोसा था। आज कोई भी भारत के लिए अपशब्द बोलता है तो इनको उसपर तुरंत विश्वास हो जाता है। इनको भारत को बदनाम करने में मजा आता है, कांग्रेस को भारत की कोरोना वैक्सीन पर भी विश्वास नहीं था। अब देश की जनता को कांग्रेस में अविश्वास है, उसपर भरोसा नहीं है।
कांग्रेस को देश के संस्कार की समझ नहीं बची है. पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल-हरी मिर्च में फर्क नहीं कर पाए] जिनको सिर्फ नाम का सहारा है उनके लिए कहा गया है कि दूर युद्ध से भागते, नाम रखा रणधीर, भाग्य चंद की आज तक सोई है तकदीर। कांग्रेस की मुसीबत ऐसी है कि खुद को जिंदा रखने के लिए इनको NDA का ही सहारा लेना पड़ा. लेकिन आदत के मुताबिक घमंड का जो I है वह इनको छोड़ता नहीं है, इनके NDA के साथ दो I जोड़ दिए। पहला- 26 दलों का घमंड, दूसरा- एक परिवार का घमंड. NDA भी चुरा लिया, खुद बचने के लिए और इंडिया के भी टुकड़े (I.N.D.I.A.) कर दिए।
कांग्रेस को लगता है कि, नाम बदलकर देश पर राज कर लेंगे. लोगों को उनका नाम तो दिखता है लेकिन काम नहीं। हॉस्पिटल उनके नाम पर है, लेकिन इलाज नहीं है। एयरपोर्ट, पुरस्कारों पर उनका नाम. योजनाएं अपने नाम से चलाईं फिर हजारों-करोड़ के भ्रष्टाचार करे। जनता काम होते देखना चाहती है लेकिन उसे मिला सिर्फ परिवार का नाम। कांग्रेस के नाम से जुड़ी कोई चीज उनकी नहीं है। चुनाव चिन्ह से लेकर विचारों तक सब कुछ अपना होने का दावा करती है, वह किसी और से लिया हुआ है। ये इंडिया गठबंधन नहीं, घमंडिया गठबंधन, इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है। हर कोई पीएम बनना चाहता है।
राहुल के भाषण बोले PM मोदी :
बहुत बार बुरा बोलने के इरादे में भी सच निकल जाता है। लंका हनुमान ने नहीं जलाई, उनके (रावण) घमंड ने जलाई। जनता भी भगवान राम का रूप है, इसलिए 400 से 40 (कांग्रेस के सांसद) हो गए हैं।
कल यहां दिल से बात करने की बात कही। उनके दिमाग के हाल को देश ने देखा था। अब उनके दिल का हाल भी देख लिया। इनका मोदी प्रेम भी जबरदस्त है। इनके सपने में भी मोदी आता है। अगर मोदी भाषण करते वक्त पानी पिए तो सीना तानकर कहेंगे कि देखिए मोदी को पानी पिला दिया।
अगर में कड़ी धूप में जनता दर्शन को जाऊं तो कहेंगे देखिए मोदी को पसीना ला दिया। एक पंक्ति है डूबने वाले को तिनके का सहारा बहुत। दिन बहल जाए इतना इशारा ही बहुत. इतने पर भी गिर जाए बिजली तो कोई बतला दे डूबता फिर क्या करे।
कांग्रेस बरसों से एक ही फेल प्रोजेक्ट को बार बार लॉन्च करती है, लेकिन वह फेल हो जाता है। इसका नतीजा ये हुआ कि जनता के प्रति उनकी नफरत सातवें आसमान पर है। उनके पीआर वाले प्रचार करते हैं कि मोहब्बत की दुकान का. लेकिन देश की जनता कह रही है कि ये लूट की दुकान और बाजार है।
इइसमें नफरत, घोटाले और तुष्टिकरण है. इस दुकान ने इमरजेंसी, बंटवारा, सिखों पर अत्याचार बेचा, इतिहास बेचा है। शर्म करो नफरत की दुकान वालों तुमने सेना का स्वाभिमान बेचा है। जिन लोगों ने गमले में मूली नहीं उगाई वो खेतों को देखकर तो हैरान होंगे ही।
अगर विपक्ष ने गृह मंत्री की चर्चा पर सहमति जताई होती तो लंबी चर्चा हो सकती थी। विपक्षी पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव पर सभी विषयों पर बोले, हमारा भी दायित्व बनता है कि देश के विश्वास को प्रकट करें और सब चीजों के बारे में बताएं। अगर सिर्फ मणिपुर पर चर्चा की बात थी गृहमंत्री ने पत्र लिखकर कहा था लेकिन विपक्ष का इरादा चर्चा का नहीं था। इनके पेट में दर्द था लेकिन फोड़ सिर रहे थे।
मणिपुर की स्थिति पर गृह मंत्री ने विस्तार से बताया था, लेकिन विपक्ष को राजनीति के सिवाय कुछ नहीं करना है। मणिपुर में एक अदालत का फैसला आया,, उसके पक्ष-विपक्ष में परिस्थिति बनी और हिंसा का दौर शुरू हुआ। कई लोगों ने अपनों को खोया, महिलाओं के साथ अपराध हुआ। दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार काम कर रही है। देश भरोसा रखे, मणिपुर में शांति का सूरज जरूर उगेगा, मणिपुर के लोगों से भी कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है, हम आपके साथ हैं।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।