पीएम ने जय जवान, जय किसान, जय अनुसंधान का नारा दिया। रोड शो भी किया
पीएम मोदी ने इसरो वैज्ञानिकों से कहा आपके परिश्रम को आपके धैर्य को सैल्यूटॉ
पीएम मोदी का विमान सुबह 6 बजे लैंड हुआ. यहां से सीधे इसरो के हेडक्वार्टर पहुंचे
राज एक्सप्रेस । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो देशों की यात्रा खत्म करने के बाद आज शनिवार को स्वदेश लौट आए हैं। वह ग्रीस से सीधे बेंगलुरु पहुंचे और इसरो के कमांड सेंटर में वैज्ञानिकों से मुलाकात की। पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों को सैल्यूट किया और उन्हें अपने सफल मिशन के लिए बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रमा के जिस हिस्से पर हमारा चंद्रयान उतरा है, हमने उस स्थान के नामकरण का फैसला किया है। जिस स्थान पर चंद्रयान-3 का मून लैंडर उतरा है, अब उस प्वाइन्ट को 'शिवशक्ति' के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा, चंद्रमा के जिस स्थान पर चंद्रयान-2 अपने पदचिन्ह छोड़े हैं, वह प्वाइंट अब 'तिरंगा' कहलाएगा। ये तिरंगा प्वाइंट भारत के हर प्रयास की प्रेरणा बनेगा, ये तिरंगा प्वाइंट हमें सीख देगा कि कोई भी विफलता आखिरी नहीं होती।
पीएम मोदी ने इसरो वैज्ञानिकों की प्रशंसा करते हुए कहा आप जो ठान लेते हैं, वह करके दिखाते हैं। देश के लोगों का विश्वास है आप पर है। और विश्वास कमाना आसान काम नहीं होता है। आपने अपनी तपस्या से विश्वास हासिल किया है। देश के लोगों का आशीर्वाद आप पर है। इसी आशीर्वाद और समर्पण भाव से भारत साइंस एंड टेक्नोलॉजी में ग्लोबल लीडर बनेगा। नवोन्मेष की यही स्पीड 2047 ग्लोबल भारत के सपने को साकार करेगा। उन्होंने कहा देशवासी गौरव से भरे हुए हैं. सपने तेजी से संकल्प बन रहे हैं. आपका परिश्रम उस संकल्प को सिद्धि तक ले जा रहे हैं। मेरी तरफ से करोड़ों देशवासी और दुनिया की साइंस कम्युनिटी की तरफ से शुभकामनाएं. पीएम ने अंत में भारत माता की जय के नारे लगवाए।
पीएम मोदी ने कहा भारत के ज्ञान विज्ञान का खजाना है, वह गुलामी के कालखंड में छिप गया था. आजादी के अमृतकाल में हमें उस खजाने पर रिसर्च करनी है और उसे बाहर निकालना है। हमें अपनी पुरानी ज्ञान परंपरा से जुड़ना है। हमें अपनी युवा पीढ़ी को आज के आधुनिक विज्ञान और तकनीकी को नए आयाम देने हैं। समंदर की गहराइयों से लेकर आसमान की ऊंचाई तक करने के लिए बहुत कुछ है। आप नेक्स्ट जेनरेशन कम्यूटर बनाइए। भारत में आपके लिए नई संभावनाओं के द्वार लगातार खुल रहे हैं।
21वीं सदी के कालखंड में जो देश इस क्षेत्र में बढ़त बना ले जाएगा, वह देश आगे बढ़ जाएगा। सरकार भी स्पेस सेक्टर में लगातार रिफॉर्म कर रही है। पिछले 4 साल में स्पेस सेक्टर में काम करने वाले स्टार्टअप की संख्या 4 से बढ़कर 150 हो गई है। अंतरिक्ष में अनंत संभावनाएं आपका इंतजार कर रही हैं। एक सितंबर से हमारे चंद्रयान को लेकर एक क्विज कंप्टीशन शुरू होने वाला है। युवाओं से इससे जुड़ने की अपील करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा, यह कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है। यह अनंत ब्रह्मांड की खोज की दिशा में उठा भारत का अहम कदम है। आज भारत चंद्रमा पर है। पीएम मोदी ने कहा कि अब हर 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे मनाया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा, आपने जो साधना की है, वो देशवासियों को पता होना चाहिए। देखा जाए तो यह यात्रा आसान नहीं थी। इसके लिए तैयारियों में बड़े स्तर पर बदलाव किए गए। मून लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिकों ने बड़ी मेहनत की।
आज देखता हूं कि भारत की युवा पीढ़ी साइंस, स्पेस और इनोवेशन को लेकर इतनी एनर्जी से भरी है, उसके पीछे ऐसी सफलताएं हैं। मंगलयान और चंद्रयान की सफलता और गगनयान की तैयारी ने देश को नया मिजाज दे दिया है। आज भारत के छोटे-छोटे बच्चों की जुंबा पर चंद्रयान का नाम है। आज भारत का बच्चा अपने वैज्ञानिकों में भविष्य देख रहा है। आपकी यह भी उपलब्धि है कि आपने भारत की पूरी की पूरी पीढ़ी का जाग्रत किया है और ऊर्जा दी है। अपनी सफलता की गहरी छाप छोड़ी है।
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अब से जब कोई बच्चा रात में चंद्रमा को देखेगा तो उसको विश्वास होगा कि एक दिन वह भी चांद पर पहुंच सकता है। पीएम मोदी ने इसरो वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा कि आपने बच्चों में आकांक्षाओं के बीज बोए हैं। वो बटवृक्ष बनेंगे और विकसित भारत की नींव बनेंगे। युवा पीढ़ी को निरंतर प्रेरणा मिले, इसके लिए एक निर्णय लिया है 23 अगस्त को जब भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराया, उस दिन को हिंदुस्तान नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाएगा। यह दिन हमें हमेशा आगे बढ़ने को प्रेरित करता रहेगा।
आपने साबित कर दिखाया है कि अगर दृढ़ इच्छा शक्ति है तो सफलता मिलकर रहेगी। आज भारत दुनिया का ऐसा चौथा देश बन गया है, जिसने चंद्रमा की सतह को छुआ है। यह सफलता तब और बड़ी हो जाती है, जब हम देखते हैं कि भारत ने अपनी यात्रा कहां से शुरू की थी। एक समय भारत के पास जरूरी तकनीकी नहीं थी। हमारी गिनती थर्ड वर्ल्ड यानी तीसरी लाइन में खड़े लोगों में होती थी। वहां से चलकर भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आज भारत की गिनती पहली पंक्ति के राष्ट्रों में हो रही है। इस यात्रा में इसरो जैसी संस्थाओं की बड़ी भूमिका रही है। आपने आज मेक इन इंडिया को चांद तक पहुंचा दिया।
पीएम मोदी ने कहा एक और नामकरण काफी समय लंबित है। चार साल पहले जब चंद्रयान-2 चंद्रमा के पास पहुंचा था। जहां उसके पद चिह्न पड़े थे, तभी से मांग हो रही थी कि उसका नामकरण किया जाए। लेकिन उन परिस्थितियों को देखते हुए हमने तय किया था कि जब चंद्रयान-3 सफलता पूर्वक पहुंचेगा तब हम दोनों चंद्रयान मिशन को नाम देंगे। आज जह हम ऐसा कर पाने में सफल हुए हैं तो चंद्रयान-2 ने जिस स्थान पर पदचिह्न छोड़े थे, वह स्थान अब तिरंगा पॉइंट कहलाएगा।
जहां चंद्रयान-3 का मून लैंडर पहुंचा है, वह स्थान आज से शिवशक्ति कहलाएगा। पीएम ने कहा, यह चांद के रहस्यों को खोलेगा। साथ ही धरती की चुनौतियों के समाधान में मदद करेगा। मैं इस सफलता के लिए मिशन की पूरी टीम को बधाई देता हूं। मेरे परिवार जनों आप जानते हैं कि स्पेश मिशन के टच डाउन को नाम दिए जाने की परंपरा है. चंद्रमा के जिस हिस्से पर चांद उतरा है, भारत ने उसका नामकरण का फैसला लिया है। जहां लैंडर उतरा है, उस पॉइंट को शिवशक्ति के नाम से जाना जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा भारत में आते ही जल्द से जल्द आपके दर्शन करना चाहता था। आप सबको सैल्यूट करना चाहता था। आपके परिश्रम को सैल्यूट है। आपकी जीवटता को सैल्यूट है। आपकी लगन को सैल्यूट है। आपके जज्बे को सैल्यूट करता हूं। इस दौरान पीएम मोदी की आंखें भर आईं। उन्होंने कहा, आप देश को जिस ऊंचाई पर लेकर गए हैं, वह साधारण नहीं है। हम वहां पहुंचे, जहां कोई नहीं पहुंचा। हमने वह किया, जो कभी किसी ने नहीं किया था। यह आज का भारत. निर्भीक और जुझारू भारत।
यह वह भारत है, जो नया सोचता है। नए तरीके सोचता है। डार्क जोन में जाकर दुनिया में रोशनी की किरण फैला देता है। 21वीं सदी में दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान करेगा। 23 अगस्त का वो दिन... वो एक एक सेकेंड बार बार घूम रहा है। जब टच डाउन कन्फर्म हुआ। यहह सुनकर इसरो सेंटर से लेकर देशभर में लोग उछल उठे थे, वह दृश्य कौन भूल सकता है। कुछ स्मृतियां अमर हो जाती हैं। वह पल अमर हो गया है।
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