दिल्ली, भारत। आज भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर पीएम मोदी ने कारीगरों और शिल्पकारों के लिए 'पीएम विश्वकर्मा' लॉन्च एवं 'यशोभूमि' कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया।
इस दौरान PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा- आज भगवान विश्वकर्मा की जयंती है। ये दिन हमारे पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समर्पित है। मैं समस्त देशवासियों को 'विश्वकर्मा जयंती' की अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं। मुझे खुशी है कि आज के दिन मुझे देशभर के लाखों विश्वकर्मा साथियों से जुड़ने का अवसर मिला है। भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद से आज 'प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना' का आरंभ हो रहा है। हाथ के हुनर से, औजारों से, परंपरागत रूप से काम करने वाले लाखों परिवारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना उम्मीद की एक नई किरण बनकर आ रही है।
इस योजना के साथ ही आज देश को इंटरनेशनल एग्जिबिशन सेंटर यशोभूमि भी मिला है। जिस प्रकार का काम यहां हुआ है, उसमें मेरे सभी विश्वकर्मा भाइयों और बहनों का तप नजर आता है। मैं आज यशोभूमि को देश के हर श्रमिक को समर्पित करता हूं, हर विश्वकर्मा साथी को समर्पित करता हूं। आज इस कार्यक्रम में हजारों विश्वकर्मा साथी, जो हमारे साथ वीडियो के माध्यम से जुड़े हैं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि गांव-गांव में आप जिस शिल्प का सृजन करते हैं, उसको दुनिया तक पहुंचाने में ये बहुत बड़ा बाइब्रेंट सेंटर, सशक्त माध्यम बनने वाला है। ये आपकी कला, आपके कौशल को दुनिया के सामने शोकेस करेगा। ये भारत के लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
हजारों वर्षों से जो साथी भारत की समृद्धि के मूल में रहे हैं, वो हमारे विश्वकर्मा ही हैं। जैसे हमारे शरीर में रीढ़ की हड्डी की भूमिका होती है, वैसे ही सामाजिक जीवन में इन विश्वकर्मा साथियों की भूमिका होती है। हमारी सरकार अपने विश्वकर्मा भाई-बहनों का सम्मान बढ़ाने, उनका सामर्थ्य बढ़ाने और उनकी समृद्धि बढ़ाने के लिए एक सहयोगी बनकर आगे आई है।
पीएम विश्वकर्मा योजना, विश्वकर्मा साथियों को आधुनिक युग में ले जाने का प्रयास है, उनका सामर्थ्य बढ़ाने का प्रयास है। विश्वकर्मा भाई-बहनों के लिए Technology, Tools और Training बहुत ही आवश्यक है। ये हमारी सरकार ही है जो 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना' के जरिए, हर जिले के विशेष उत्पादों को बढ़ावा दे रही है। हमारी सरकार ने ही पहली बार रेहड़ी-पटरी-ठेले वालों को पीएम स्वनिधि के तहत मदद दी है। ये हमारी ही सरकार है जिसने आजादी के बाद पहली बार बंजारा और घुमंतू जनजातियों की परवाह की। ये हमारी ही सरकार है जिसने आजादी के बाद पहली बार दिव्यांगजनों के लिए हर स्तर, हर स्थान पर विशेष सुविधाएं विकसित कीं।
इस विश्वकर्मा दिवस पर हमें लोकल के लिए वोकल होने का प्रण फिर दोहराना है। अब गणेश चतुर्थी, धनतेरस, दीपावली सहित अनेक त्योहार आने वाले हैं। मैं सभी देशवासियों से लोकल खरीदने का आग्रह करूंगा। कुछ दिन पहले हमने देखा है कि कैसे भारत मंडपम को लेकर दुनिया भर में चर्चा हुई है। ये इंटरनेशनल एग्जीबिशन सेंटर-यशोभूमि इस परंपरा को और भव्यता से आगे बढ़ा रहा है। जिसे कोई नहीं पूछता, उसके लिए गरीब का ये बेटा मोदी, उसका सेवक बनकर आया है। सबको सम्मान का जीवन देना, सभी को सुविधा पहुंचाना... ये मोदी की गारंटी है।
बदलते हुए समय के साथ विकास के, रोजगार के नए-नए सेक्टर्स भी बनते हैं। आज से 50-60 साल पहले इतनी बड़ी IT इंडस्ट्री के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। आज से 30-35 साल पहले सोशल मीडिया भी कल्पना भर ही था। आज दुनिया में एक और बड़ा सेक्टर बन रहा है, जिसमें भारत के लिए असीम संभावनाएं हैं। ये सेक्टर है कॉन्फ्रेंस टूरिज्म का।
आज का नया भारत खुद को कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए भी तैयार कर रहा है। भारत मंडपम हो या यशोभूमि... ये भारत के आतिथ्य, भारत की श्रेष्ठता और भारत की भव्यता के प्रतीक बनेंगे। भारत मंडपम और यशोभूमि दोनों में ही भारतीय संस्कृति और अत्याधुनिक सुविधाओं का संगम है।
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