नई दिल्ली। पीएम मोदी क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए दो दिन की यात्रा पर दुबई जा रहे हैं। दुनियाभर के कई देश सालों से इस समस्या का हल निकालने में लगे हुए हैं और यूएन की अगुवाई में होने वाला जलवायु सम्मेलन भी इसी समस्या को लेकर है। ये जलवायु को लेकर यूएन की कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज की 28वीं बैठक का हिस्सा है। इसलिए इसको COP28 नाम दिया गया है।
क्या है कॉप - 28
COP 28 का मतलब जलवायु परिवर्तन पर युनाइटेड नेशंस फ़्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लायमेट चेंज (UNFCCC) के पक्षों के सम्मेलन COP की 28वीं बैठक है। यह हर साल होता है। जलवायु परिवर्तन पर दुनिया का एकमात्र बहुपक्षीय निर्णय लेने वाला मंच है। जिसमें दुनिया के हर देश को लगभग पूर्ण सदस्यता प्राप्त है। इज़राइल-हमास युद्ध और यूक्रेन में रूस के द्वारा मिलिट्री ऑपरेशन के बाद सामने आए भू-राजनीतिक संकटों के मद्देनजर इस साल होनी वाली COP की बैठक महत्वपूर्ण है।
लगभग 200 देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल
दुनिया भर में घातक गर्मी, सूखा, जंगल की आग, तूफान और बाढ़ का असर लोगों के जीवन पर पड़ रहा है। 2021-2022 में वैश्विक कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसका लगभग 90 प्रतिशत कोयला, तेल, और गैस से आता है। कॉप-28 के दौरान किंग चार्ल्स-3, पोप फ्रांसिस और लगभग 200 देशों के नेता इन मुद्दों को प्रमुखता से संबोधित करेंगे।
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