नए संसद भवन में PM मोदी का पहला भाषण  Raj Express
दिल्ली

नए संसद भवन में PM मोदी का पहला भाषण- भवन बदला है, भाव भी बदलना चाहिए, भावना भी बदलनी चाहिए

Priyanka Sahu

हाइलाइट्स :

  • नए संसद भवन में PM मोदी का भाषण

  • PM मोदी ने लोकसभा को किया संबोधित

  • PM ने संसद को राष्ट्रसेवा का सर्वोच्च स्थान बताया

दिल्‍ली, भारत। संसद का विशेष सत्र का दूसरा दिन है, आज सत्र की कार्यवाही नए संसद भवन में शुरू हो चुकी है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सभी सांसद व लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यनई संसद पहुंचे।

नए संसद भवन में PM मोदी का पहला भाषण :

नए संसद भवन में PM मोदी ने अपने पहले भाषण में कहा- नए संसद भवन का ये प्रथम और ऐतिहासिक सत्र है। मैं सभी माननीय सांसदों और देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। ये अवसर कई मायनों में अभूतपूर्व है। आजादी के अमृतकाल का ये ऊषाकाल है और भारत अनेक सिद्धियों के साथ नए संकल्प लेकर, नए भवन में अपना भविष्य तय करने के लिए आगे बढ़ रहा है। भारत की अध्यक्षता में G20 का असाधारण आयोजन, विश्व में इच्छित प्रभाव के अर्थ में अद्वितीय उपलब्धियां हासिल करने वाला एक अवसर बना। आज आधुनिक भारत और हमारे लोकतंत्र के प्रतीक नए संसद भवन का शुभारंभ हुआ है। सुखद संयोग है कि आज गणेश चतुर्थी का शुभ दिन है। इस पावन दिवस पर हमारा ये शुभारंभ संकल्प से सिद्धि की ओर एक नए विश्वास के साथ यात्रा आरंभ करने का है।

यह अवसर कई मायनों में अभूतपूर्व है! यह आज़ादी के अमृत काल का प्रभात है और इस प्रभात में भारत नये संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा है, नये भवन में अपना भविष्य तय कर रहा है! आज, जब हम एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं, तो हमें अतीत की सभी कड़वाहटों को भूलकर आगे बढ़ना चाहिए! आज जब हम एक नई शुरुआत कर रहे हैं, तब हमें अतीत की हर कड़वाहट को भुलाकर आगे बढ़ना है। हम यहां से हमारे आचरण, वाणी और संकल्पों से जो भी करेंगे, वो देश के लिए, हर नागरिक के लिए प्रेरणा का कारण बनना चाहिए। हम सबको इस दायित्व को निभाने के लिए भरसक प्रयास भी करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
  • भवन बदला है, भाव भी बदलना चाहिए, भावना भी बदलनी चाहिए। संसद राष्ट्रसेवा का सर्वोच्च स्थान है। ये संसद दलहित के लिए नहीं है। हमारे संविधान निर्माताओं ने इस पवित्र संस्था का निर्माण दलहित के लिए नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ देशहित के लिए किया था।

  • अभी चुनाव दूर हैं, अभी हमारे पास समय बचा है। मैं मानता हूं कि इस सदन में जो व्यवहार होगा, वो निर्धारित करेगा कि कौन इधर बैठने के लिए व्यवहार करता है और कौन उधर बैठने के लिए व्यवहार करता है।

  • लोकतंत्र में राजनीति, नीति और शक्ति का इस्तेमाल समाज में प्रभावी बदलाव का एक बहुत बड़ा माध्यम होता है। इसलिए Space हो या Sports हो, स्टार्टअप्स हो या SHG हो, हर क्षेत्र में दुनिया भारतीय महिलाओं की ताकत देख रही है। सिर्फ महिलाओं के विकास की बात पर्याप्त नहीं है, हमें मानव जाति की विकास यात्रा में नए पड़ाव को अगर प्राप्त करना है, राष्ट्र की विकास यात्रा में नई मंजिलों को अगर पाना है, तो ये आवश्यक है कि Women Led Development को हम बल दें।

  • महिला सशक्तिकरण की हमारी हर योजना ने महिला नेतृत्व करने की दिशा में बहुत सार्थक कदम उठाए हैं। हर देश की विकास यात्रा में ऐसे milestone आते हैं, जब वो गर्व से कहता है कि आज के दिन हम सबने नया इतिहास रचा है। नए सदन के प्रथम सत्र के प्रथम भाषण में मैं बड़े विश्वास और गर्व से कह रहा हूं कि आज का ये पल, आज का ये दिवस इतिहास में नाम दर्ज कराने वाला है।

  • अनेक वर्षों से महिला आरक्षण पर बहुत चर्चाएं और वाद-विवाद हुए हैं। 1996 में इससे जुड़ा बिल पहली बार पेश हुआ था। अटल जी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया, लेकिन उसे पास कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए। जिस वजह से वो सपना अधूरा रह गया।

  • महिलाओं को अधिकार देने और उनकी शक्ति का उपयोग करने के इस पवित्र काम के लिए शायद ईश्वर ने मुझे चुना है। एक बार फिर हमारी सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है।

  • कल ही कैबिनेट ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी है। आज 19 सितंबर की ये तारीख इसीलिए इतिहास में अमरत्व को प्राप्त करने जा रही है।

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